सर्वदलीय बैठक: नये कृषि कानूनों को रद्द कर किसानों की समस्या का जल्द हल निकाले केन्द्र

All-party meeting Center should solve the problems of farmers soon by canceling new agricultural laws

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। किसानों के मसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की ओर से आज बुलायी सर्व दलीय बैठक में केन्द्र सरकार से नये कृषि कानून वापस लेकर किसानों की समस्या का जल्द हल निकालने की अपील की है। इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी ने भाग नहीं लिया। उन्होंने यहां बैठक में कहा कि किसानों ने लोकतांत्रिक ढंग के साथ निरंतर लड़ी जा रही लड़ाई में अनुकरणीय संयम और धैर्य का परिचय दिया है।

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की निंदा करते हुए फैसला किया कि सभी पार्टियों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलकर किसानों के मसले सहित अन्य मुद्दे उनके समक्ष उठाएगा। इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कैप्टन सिंह ने लाल किले पर अमन-शान्ति की व्यवस्था कायम रखने के लिए जिम्मेदार पक्षों की लापरवाही की न्यायिक जांच की मांग की। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सरहदों पर किसानों की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस तैनात करने की माँग को लेकर बैठक से वॉकआउट किया और उनकी इस मांग को मुख्यमंत्री ने असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बात तो राज्यों के लिए और अधिकारों की करते हैं तो फिर हम ऐसा कैसे कर सकते हैं। यदि हिमाचल प्रदेश और हरियाणा की पुलिस पंजाब आ जाए तो फिर आप क्या करोगे। दिल्ली की सरहदों पर सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए आप (आप) दिल्ली में अपने मुख्यमंत्री को केंद्रीय गृह मंत्री से अपील करने के लिए कह सकते हो। हम यह नहीं कर सकते क्योंकि संवैधानिक तौर पर ऐसा करना संभव नहीं है। बैठक में पारित प्रस्ताव में लालकिले पर हुई घटना अति-निंदनीय बताते हुये इनकी विस्तृत जांच करवाने की मांग की । प्रस्ताव के मुताबिक आंदोलन में शामिल किसानों और खेत कामगारों को किसी भी ढंग से तंग-परेशान न किया जाये।

आंदोलन करने वालों के खिलाफ दर्ज सभी केस वापस हो

प्रस्ताव के जरिये बैठक में शामिल सभी दलों ने केंद्र सरकार से किसानों, खेत कामगारों और पत्रकारों और अन्य शांतिपूर्वक आंदोलन करने वालों के खिलाफ दर्ज सभी केस वापस लिए जाने और उन सभी लोगों को रिहा किये जाने की अपील की जो पुलिस और अन्य एजेंसियों की तरफ से नजरबंद किये गए हैं। लापता अन्दोलनकारियों की तलाश की जानी चाहिए और अविलंब उन्हें उनके परिवारों के हवाले किया जाना चाहिए। प्रस्ताव में केंद्र सरकार से आग्रह किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) को किसानों का कानूनी अधिकार बनाया जाये और एफ.सी.आई. और अन्य एजेंसियों के द्वारा भारत सरकार की तरफ से अनाज की खरीद जारी रखी जाये। फसल की खरीद पहले की तरह आढ़तियों के द्वारा जारी रखी जाये।

राकेश टिकैत के किसान संघर्ष में योगदान की सराहना

प्रस्ताव में इस संकट के हल में ज्यादा देरी किये जाने से न सिर्फ आंदोलनकारी किसान और उनके परिवारों को दुख-तकलीफें बढ़ने का भी जिक्र किया । कई किसानों और खेत कामगारों की मौत हो चुकी है। प्रस्ताव में नये वातावरण सुरक्षा (संशोधन) एक्ट, 2020 को वापस लेने की माँग करते हुये प्रस्तावित नये बिजली (संशोधन) एक्ट, 2020 को लागू करने के प्रस्ताव को भी वापस लेने की अपील की। प्रस्ताव में राकेश टिकैत के किसान संघर्ष में योगदान की सराहना की गई और संघर्ष में पंजाब के किसानों को दिए समर्थन के लिए हरियाणा के किसानों का भी धन्यवाद किया गया।

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