कश्मीर में आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब

Response, Terrorism, Kashmir, Indian Army, India

कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के साथ हुए मुकाबले में भारतीय एयरफोर्स के दो गरुड़ कमांडो शहीद हो गए। इस हमले में भारतीय जवानों ने लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को भी ढेर कर दिया। सुरक्षा जवानों की बहादुरी को सलाम है, जिन्होंने आतंकवादियों को करारा जवाब दिया। सैनिकों ने जिस तरह आतंकवादियों के साथ मुकाबला किया, उससे स्पष्ट है कि जवान आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।

वह समय बीत चुका है, जब आतंकवादी हमला करके गायब हो जाते थे। अब यदि कोई आतंकवादी हमले की हिम्मत करता है, तो उसके वापिस लौटने की उम्मीद भी समाप्त हो जाती है।

इसमें कोई शक नहीं कि देश के सेना प्रमुख आतंकवाद के खिलाफ सख्त रवैया अपनाकर चल रहे हैं। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा था कि जो आतंकवादी भारत में दाखिल होना चाहते हैं, हम उन्हें रिसीव करने व कब्र के लिए ढाई गज जगह देने के लिए तैयार बैठे हैं। वाकई सेना के जवान ‘रिसीव’ कर रहे हैं और जो कोई आगे आकर हमला करता है, तो वह मारा जाता है।

दूसरी तरफ, हालात भी ऐसे बनते जा रहे हैं कि आम जनता भी आतंकवादियों व उन्हें शह देने वाले अलगाववादियों को भी अच्छी तरह समझ गई है। आम लोग यह बात समझ गए हैं कि अलगाववादियों कोे आतंकवादियों द्वारा पत्थरावबाजी के लिए फंडिंग हो रही है। कुछ अलगाववादियों की पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के साथ फोन पर बातचीत का मामला भी चर्चा में आ चुका है,

जिस कारण आम लोग अलगाववादियों के झांसे में आने वाले नहीं। किसी मुहिम में सफलता तभी हाथ लगती है, जब आम लोग भी पूरा सहयोग देंगे। जैसे-जैसे सुरक्षा बल मजबूत आत्मबल के साथ आतंकवाद पर नकेल कस रहे हैं, उससे आम जनता में दहशत खत्म होगी। जनता के सहयोग के लिए पुलिस व सेना का आम जनता के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए सरकार को और प्रोग्राम बनाने चाहिए।

आतंकवाद को हराने के लिए आर्थिक उन्नति की रफ्तार में वृद्धि भी जरूरी है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि उसकी आतंकवाद की कोई भी साजिश भारत को हिला नहीं सकती। पड़ोसी देश के साथ अमन-शांति व दोस्ती ही उसके हित में है।

 

 

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।