केंद्र सरकार ने बजट में आयकर देने वाले लोगों को दी राहत पर, जन प्रतिक्रिया

-टैक्स स्लैब में बदलाव से गाजियाबाद जिले के करीब  90 हजार लोगो को मिलेगा फायदा !

गाजियाबाद (सच कहूँ /रविंद्र सिंह )। केंद्र सरकार ने बजट में (Budget 2023) आयकर देने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए इसे सालाना पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया है। ऐसे में अब सालाना सात लाख रुपये तक आमदनी वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। जनकार बताते हैं कि इस बदलाव से जिले के 90 हजार से अधिक टैक्स देने वाले नौकरीपेशा लोगों को इसका सीधे फायदा होगा। साथ ही मध्यमवर्गीय लोगों की जेब में पैसा होगा, जिससे उन्हें बढ़ती महंगाई का सामना करने से कुछ राहत मिल सकेगी।

केंद्र सरकार ने आठ साल बाद इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। वर्ष-2014 के बाद अब केंद्र सरकार ने आयकर की दरों में बदलाव करते हुए उसे पांच लाख से सात लाख कर दिया है। जबकि इससे पूर्व 2020 में में बदलाव करते हुए नई टैक्स प्रणाली लागू की गई थी। हालांकि इसे आयकर दाताओं पर अनिवार्य नहीं किया गया था। बुधवार को वित्त मंत्री ने आयकर में छूट देकर मध्यमवर्गीय नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत दी है।

अब सालाना सात लाख रुपये तक आम आदमी को कोई भी टैक्स नहीं देना होगा। जबकि अभी तक पांच लाख रुपये तक की छूट दी हुई थी। लेकिन अब इसे सात लाख रुपये कर दिया है। आयकर विभाग के अधिकारी बताते हैं कि गाजियाबाद  जनपद में नौ लाख से अधिक कर दाता है। ऐसे में आयकर में किए गए बदलाव से करीब दस फीसदी कर दाताओं को सीधा फायदा होगा। जबकि अन्य कर दाताओं को भी इसका कही न कही लाभ मिलेगा। जानकार बताते हैं कि नई व्यवस्था से गाजियाबाद जिले में करीब  90 हजार से अधिक नौकरीपेशा लोगों को फायदा होगा। नौकरीपेशा लोग ज्यादा बचत करने के साथ ही अपने परिवार पर ज्यादा खर्च भी कर सकेंगे। इससे बाजार में पैसे का फ्लो बढ़ेगा और लोगों की खरीदारी करने की क्षमता में भी इजाफा होगा।

ऐसे समझ सकते हैं टैक्स स्लैब का मतलब | Budget 2023

अगर आपकी कमाई सात लाख या उससे कम है, तो आपको उसपर कोई टैक्स नहीं देना होगा। सात लाख से ज्यादा आय होने पर ही आप टैक्स के दायरे में आएंगे। मान लीजिए, आपकी कमाई नौ लाख रुपये हैं, तो ऐसे में आपकी सिर्फ तीन लाख रुपये पर ही टैक्स देना होगा। इसी तरह से आय बढ़ने पर स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा।

 बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया, बोले

सरकार ने राजस्व बढ़ाने पर दिया ध्यान ,बजट निराशाजनक  Budget 2023

सीए चंचल चिकारा ने कहा कि  सरकार ने आम जनता को राहत नहीं दी है। 5 लाख से 7 लाख  रुपये से सीमा बढ़ाने के बाद भी अंततः वेतनभोगी वर्ग को कोई राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि उन कर्मचारियों के लिए कोई कर स्लैब दर नहीं बदली है जो अपने निवेश के लिए छूट और कटौती का लाभ उठा रहे हैं, गृह ऋण ब्याज या किराए का भुगतान कर रहे हैं। यदि वे नई कर व्यवस्था का लाभ उठाते हैं, तो उन्हें विभिन्न कटौतियों की अनुमति नहीं दी जाएगी जो वे वर्तमान में प्राप्त कर रहे हैं और उनका आयकर भुगतान अधिक होगा। सरकार ने केवल राजस्व बढ़ाने पर ध्यान दिया है और इसलिए जनता की जेब पर अधिक बोझ पड़ा है।

बजट में घोषित कोई प्रक्रियात्मक छूट और करदाताओं की मांग पूरी नहीं की गई है। सरकार ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कृषि, ग्रामीण क्षेत्र, छोटे व्यापारी, एमएसएमई क्षेत्र को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। और समग्र बजट हतोत्साहित करने वाला, दूरदर्शिता को नजरअंदाज करने वाला विकासोन्मुख नहीं है।

आम बजट में नहीं मिली कोई खास राहत

जिला राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व महानगर अध्यक्ष अरुण चौधरी ने कहा कि आम बजट में कोई खास राहत नहीं मिली है। जनता महंगाई से त्रस्त है। ग्रामीण भारत में इस बजट का कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। सरकार पिछले बजट के वादों को पूरा नहीं कर सकी और नए वादों की झड़ी लगा दी है। यह बजट जनता के साथ धोखा है।

किसान, मजदूर, नौजवान, महिला, विरोधी है बजट | Budget 2023

सपा के महानगर अध्यक्ष एडवोकेट राहुल चौधरी ने कहा कि बजट से आम आदमी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। क्योंकि बजट किसान, मजदूर, नौजवान, महिला, विरोधी है। बजट में आम आदमी के लिए कुछ खास नहीं किया गया है।

बजट अर्थव्यवस्था, उद्योग व व्यापार को बढ़ावा देने वाला

प्रदेश मीडिया भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी सौरभ जायसवाल ने कहा कि बजट अर्थव्यवस्था, उद्योग व व्यापार, रोजगार, स्टार्टअप और एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने वाला व मध्यम और नौकरी पेशा वर्ग को राहत पहुंचाने वाला है।

बजट में मध्यम वर्ग को मिला लॉलीपॉप 

पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड हरीश रावत के सलाहकार नरेन्द्र राठी ने कहा कि यह एक चुनावी बजट है, नौ सालों में महंगाई, बेरोजगारी से लोगों की जेब खाली करके अब राहत देने के नाम पर लोगों को सिर्फ बरगलाने का कार्य इस बजट में किया गया है। किसान,मजदूर,व्यापारी, गरीब, मध्यम वर्ग की सरकार ने कमर तोड़ दी है।  इस बजट में मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है। बजट में में सरकार ने मध्यम वर्ग को लॉलीपॉप दिया है।

आम आदमी के हाथ लगी सिर्फ निराशा Budget 2023

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत सिंह बिड्डी ने कहा कि सरकार ने बजट के नाम पर केवल खानापूर्ति की है। किसान नौजवान एवं आम आदमी जिसकी संख्या ज्यादा है। उनके लिए बजट में सरकार ने कुछ नहीं किया है।

 किसान की आय डबल करने वाली सरकार ने किसान को नही दी एमएसपी

एआईएमआईएम के गाजियाबाद महानगर अध्यक्ष पंडित मनमोहन झा गामा ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट पर किसान, छात्र,मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों को बहुत उम्मीद थी,परंतु ये बजट भी झुनझुना साबित होता प्रतीत हो रहा  है। किसान की आय डबल करने वाली सरकार से एमएसपी का लाभ भी किसानों को नहीं मिला।

किसानों को कर्जों की मार देगा आंकड़ों वाला बजट 

रालोद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व महासचिव चौधरी सुशील तेवतिया ने कहा कि अमृतकाल का यह बजट किसानों को ऋणकाल से होते हुए अंधकारकाल में ले जाने वाला है।

मध्यम वर्ग को राहत,आत्मनिर्भर व समावेशी विकास वाला बजट Budget 2023

 भाजपा के पूर्व क्षेत्रीय प्रवक्ता सरदार एसपी सिंह ने देश को आत्मनिर्भर बनाने व समावेशी विकास वाला बजट बताया। कहा कि यह बजट समाज के हर क्षेत्र, हर वर्ग के उत्थान वाला व राहत देने वाला बजट है।

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