बेमौसमी बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर फेरा पानी

मजदूरों की भी हालत बनी दयनीय

अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) अभी पिछले दिनों हुई भारी बरसात से फसलें सूखी भी नहीं थी कि बुधवार-वीरवार रात्रि और फिर दोपहर बाद फिर तकरीबन आधा घंटे से ऊपर बरसात हुई। इससे जहां सरसों कटाई का कार्य प्रभावित हुआ है। वहीं कटाई की गई सरसों के खेतों में ही दोबारा अंकुर फूटने का डर किसानों को सताने लगा है। पिछले दिनों बरसात और तेज हवाओं से जहां गेंहू खेतों में बिछ गई तो सरसों का भी नुकसान हुआ। हालांकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तुरंत गिरदावरी करवाकर मुआवजे का ऐलान कर दिया है मगर किसानों को होने वाली इनकम की भरपाई नहीं हो सकती जिससे वे साल भर गुजर बसर करतें हैं दूसरी और ठेके पर जमीन लेकर काश्त करने वालों की तो उनसे भी बुरी हालत हो गई है। दोबारा पता नहीं वह जमीन ठेके पर ले पाएंगे या नहीं।

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दूसरी और बरसात के कारण सरसों की कटाई और निकलवाई का कार्य प्रभावित होने से मजदूरों पर भी इसकी मार पड़ी है। जो कि हाथ पर हाथ रखकर बैठने को मजबूर हो चुके है। उधर मजदूर भी सरकार से उनके लिए भी किसी प्रकार का मुआवजे का ऐलान करने की गुहार लगा रहे है। शिअद सरकार में मजदूरों को एक बार चुगाई के रुपये मिले थे। शिअद सरकार में मजदूरों को एक बार चुगाई के रुपये मिले थे।

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