Unshared Truths : नि:शुल्क ऑनलाइन शिक्षा से संवारे अपना भविष्य

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सराहनीय कदम। जरूरतमंद बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में Unshared Truths संस्था बनी उम्मीद की किरण

सच कहूँ/विजय शर्मा करनाल। विश्वभर में कोरोना महामारी ने हर तबके के लोगों को प्रभावित किया है। इस महामारी ने सैंकड़ों जिन्दगियां तो छिन ही ली साथ ही ऐसे हालात भी पैदा कर दिए कि लोगों के रोजगार तक बंद हो गए। सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन में स्कूल बंद होने से बच्चों की शिक्षा भी लॉक हो गई। हालांकि स्कूल द्वारा बच्चों को आॅनलाईन शिक्षा दी गई लेकिन अभिभावकों के सामने बड़ी समस्या तब खड़ी हुई जब महंगे स्कूलों ने बेइंतहा फीस वसूलनी शुरू कर दी। ऐसे में एक गरीब पिता ये सोचने पर मजबूर हो जाता है कि वो अपने बच्चों को शिक्षित करे या परिवार का पेट भरे। हालांकि इस कोरोना काल में कुछ बच्चे तो ऐसे भी हैं जो मां-बाप का साया उठने पर अनाथ तक हो गए। ऐसे बच्चों के लिए Unshared Truths संस्था एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है।

संस्था द्वारा पूर भारत वर्ष में ऐसे बच्चों से संपर्क किया जाता है जो कोविड-19 के कारण या तो मजबूरी वश पढ़ नहीं पा रहे या अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ चुके हैं। आपको बता दें कि Unshared Truths Association द्वारा पहली से आठवी कक्षा तक जरूरतमंद बच्चों को आॅनलाइन नि:शुल्क शिक्षा करवा रही है। आप को बता दें कि बच्चों को आॅनलाइन शिक्षा देने के लिए संस्था से विभिन्न राज्यों से एज्यूकेशन एक्सपर्ट व वॉलिंटियर जुड़े हुए हैं। जो बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं। वहीं संस्था द्वारा एनसीआरटी की पीडीएफ व अन्य विषयों की पुस्तकें नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी।

हर बच्चे तक पहुंचे शिक्षा, ताकि मेरा देश बन सके गुरुदेश: प्रवीन कुमार

Unshared Truths  संस्था के निदेशक प्रवीन कुमार ने सच कहूँ से विशेष बातचीत में बताया कि उनका उद्देश्य शिक्षा को हर जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाना है। ताकि वे अपने भविष्य को संवारकर अपने अभिभावकों व देश का नाम रोशन कर सकें। इसके साथ बच्चों को उनके अधिकारों को लेकर जागरूक करना व बालक अपराधों पर अंकुश लगाने का कार्य भी संस्था द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि Unshared Truths Association एक एनजीओ है, जो की कंपनी अधिनियम 2013 के तहत धारा-8 के रूप में एमसीए (Ministry Of Corporate Affairs) से पंजीकृत है, जो की भारत में बच्चों के अधिकारों को बढ़ावा देने व नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाने पर काम कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यदि आपके आस-पास अगर कोई जरूरतमंद बच्चा है, जो पढ़ना चाहता है लेकिन किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पा रहा है तो आप हमारी संस्था से संपर्क (82780-77077) कर सकते हैं या unsharedtruths.org पर जाकर रजिस्टर कर सकते हैं।

कोरोना का बच्चों की शक्षिा पर गहरा असर

संस्था की ओर से गरीब तबके और खास तौर से झुग्गयिों में पलने वाले बच्चों को पढ़ाने का प्रयास किया जाता है। लॉकडाउन की वजह से गरीब तबके से जुड़े बहुत से बच्चे वापस स्कूल नहीं लौट पाएंगे। लेकिन अत्याधिक बढ़ती फीस से परेशान माता-पिता के बच्चों को इस संस्था के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ शिक्षा उलब्ध करवाई जा रही है। इस प्लेटफार्म का मात्र उद्देश्य सभी माता-पिता की आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए नि:शुल्क आॅनलाइन शिक्षा प्रदान कर उनके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करना है।
-गुरुशरण सिंह, आईटीइंजीनियर, दिल्ली

अभिभावकों का बोझ होगा कम

सरकार भले ही शिक्षा को सस्ता एंव सुलभ बनाकर सभी को शिक्षित करने के प्रयास में है लेकिन शिक्षा के मंदिर ही जब व्यापार का केन्द्र बन जाये तो भला हर कोई कैसे महंगी शिक्षा खरीद सकता है। बच्चे के एडमीशन से लेकर परीक्षा परिणाम हासिल करने तक के सफर में हर कदम पर अभिभावकों का खून चूसा जाता है। हद तो तब हो गई जब इस कोरोना काल में भी स्कूल तो बंद है लेकिन आॅनलाईन कक्षा के नाम पर स्कूल संचालकों द्वारा फीस मांगी जा रही है। ऐसे में वल्ल२ँं१ी िळ१४३ँ२ संस्था ने बच्चों को आॅनलाइन नि:शुल्क कोचिंग देने की जो पहल की है वो सराहनीय है। इससे काफी हद तक अभिभावकों को बोझ कम होगा।
-रवि के. डोडा, एमडी, एनडीबी हेल्थ केयर सोलन (हिमाचल प्रदेश)

संस्था के संस्थापक प्रवीन कुमार ने अच्छी पहल है लेकिन ये तभी कामयाब होगी सब देश का हर नागरिक इसमें अपनो सहयोग देगा। आपके आस-पास अनेकों ऐसे बच्चे होंगे जो पढ़ाई छोड़ मजदूरी कर रहे हैं। आप तोड़ी सी मद्द कर उनका भविष्य संवार सकते हैं। उनकों संस्था से जोड़कर शिक्षा के मार्ग पर अग्रसर कर सकते हैं। जिससे उनका ही नहीं उनके मां-बाप का भविष्य भी सुरक्षित होगा।
-चंद्र आरोड़ा, विषय वस्तु विशेषज्ञ, नेटवर्क,
आॅरेंज बिजनेस सर्विसेज, गुरुग्राम

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