पहले समझें और फिर लगाएं ओवरनाइट फंड्स में पैसा

Money Investment Scheme

लिक्विड फंड से भी अधिक लिक्विडिटी के लिए आप ओवरनाइट फंड में पैसे लगा सकते हैं। यदि आप किसी कम रिस्क वाले और कम वोलेटाइल डेट म्यूचुअल फंड में पैसे लगाना चाहते हैं जिसमें एक-दो दिन में ही निकासी कर सकें तो इसके लिए ओवरनाइट फंड का विकल्प अपना सकते हैं। यह एक प्रकार का डेट म्यूचुअल फंड है जिसमें निवेशकों का पैसा ऐसी जगह लगाया जाता है जहां मेच्योरिटी सिर्फ एक दिन की ही होती है। यह एक ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीम है जिसमें निवेशक अपने पैसे को जरूरत के मुताबिक निकाल सकते हैं।

कैसे काम करता है यह फंड

इसमें म्यूचुअल फंड हाउस किसी कारोबारी दिन की शुरूआत में निवेशकों से पैसे लेता है और फिर इसे बैंक या बड़ी कंपनियों को कर्ज पर देता है या उसमें निवेश करता है। बैंक या कंपनी महज एक दिन में ही पैसे को ब्याज सहित वापिस करने का वादा करती है।

क्यों लगाने चाहिए पैसे

ओवरनाइट फंड बहुत अधिक लिक्विड होता है और अपनी जरूरत के मुताबिक पैसे निकाल सकते हैं। इसमें निवेशक पर रिस्क बहुत कम होता है क्योंकि लेंडिंग पीरियड कम होने के चलते क्रेडिट या डिफॉल्ट से जुड़ा रिस्क नहीं होता है। इसमें निवेश बहुत कम वोलेटाइल होता है।

क्यों नहीं लगाना चाहिए पैसा?

ओवरनाइट फंड में रिटर्न बहुत अधिक नहीं मिलता है तो यदि आप रिस्क उठा सकते हैं और बेहतर रिटर्न की उम्मीद में निवेश के विकल्प देख रहे हैं तो ओवरनाइट फंड में पैसे नहीं लगाना चाहिए।
टैक्सेशन: ओवरनाइट फंड डेट फंड्स की कैटेगरी में आता है तो इस पर टैक्सेशन भी डेट फंड के हिसाब से लगेगा। इसका मतलब हुआ कि अगर निवेश 36 महीने से कम तक होल्ड करते हैं तो जो मुनाफा होगा, उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा और इस पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। वहीं अगर 36 महीने से अधिक समय तक निवेश होल्ड करते हैं तो मुनाफा लांग टर्म कैपिटल गेन्स होगा और इस पर इंडेक्सेशन बेनेफिट के साथ 20 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना होगा। बिना इंडेक्सेशन बेनेफिट्स के एलटीसीजी पर 10 फीसदी टैक्स चुकाना होगा।

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