हादसों के आगे छोटी पड़ रही ‘जिन्दगी’

चिंतनीय। प्रतिदिन 13 व साल में 4589 लोग हो रहे मौत का शिकार

  • जालंधर व लुधियाना बन चुके हैं हादसों के शहर, मोहाली व रोपड़ भी इनके पीछे
  • ट्रांसपोर्ट मंत्री ने की सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरूआत, हादसों में मृत्युदर घटाने के लिए प्रयास तेज करने का किया आह्वान
  • ट्रैफिक पुलिस, ट्रांसपोर्ट, स्वास्थ्य, स्थानीय निकाय व शिक्षा विभाग करवाएंगे विभिन्न गतिविधियां

चंडीगढ़। (सच कहूँ/अश्वनी चावला) पंजाब में रोजाना 13 लोग अपनी जान सिर्फ सड़क हादसों में ही गंवा रहे हैं, जोकि पंजाब के लिए काफी ज्यादा चिंता का विषय है। साल 2021 में पंजाब की सड़कोंं पर 4589 लोगों की मौत हो गई है व लगातार इन मौतों का दा सिलसिला जारी है। पंजाब में सबसे ज्यादा सड़क हादसे राष्टÑीय व राज मार्गों पर ही हो रहे हैं, जिनकी संख्या 72 फीसदी तक है। जिससे साफ है कि रफ्तार के आगे जिन्दगी छोटी पड़ती नजर आ रही है।

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पंजाब के ग्रामीण क्षेत्र में भी 60 फीसदी सड़क हादसे दर्ज हो रहे हैं लेकिन यहां जान गंवाने वालों की संख्या कम है। इसके साथ ही हैरानी वाली बात यह है कि सड़क हादसे का शिकार होने वाले लोगों में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। कुल मौतों के हिस्से में 70 फीसदी लोग 18 से 45 वर्ष की आयु के ही शामिल हैं। पंजाब रोड एक्सीडैंट रिपोर्ट-2021 अनुसार पंजाब में जालंधर व लुधियाना हादसों के शहर बनकर सामने आ रहे हैं, क्योंकि यह शहर हादसों की संख्या में काफी आगे है, इसके साथ ही रोपड़ व फतेहगढ़ साहिब सहित मोहाली भी इन सड़क हादसों की लाईन में काफी ज्यादा आगे निकल रहे हैं।

इन हादसों को देखते हुए ही पंजाब के टांसपोर्ट मंत्री लाल जीत सिंह भुल्लर ने चिंता जाहिर करते हुए पंजाब पुलिस को सख्त कदम उठाने के लिए कहा है। राज्य में सड़क सुरक्षा सप्ताह की दी शुरूआत करते पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बुधवार को सड़क हादसों में मृत्युदर को घटाने के लिए समूह संबंधित पक्षों को आगे आने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हादसों में मौत के मुंह में जा रही जिंदगीयों को बचाने के लिए संबंधित विभागोंं, समाज सेवी संस्थाओं व खासकर राहगीरों को जिम्मेवारी से अपनी भूमिका निभानी होगी व एक सप्ताह की बजाय पूरा वर्ष खुद को सड़क सुरक्षा को समर्पित करना होगा।

हादसों का कारण बन रहे सड़कों के किनारे खड़े वाहनों के होंगे चालान

सड़क यातायात व राज मार्ग मंत्रालय के निर्देशों अनुसार 11 से 17 जनवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने के फैसले के तहत पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा कौंसिल द्वारा तय किए गए कार्यक्रम का आगाज करते ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा कि ज्यादातर बड़Þे व घातक सड़क हादसे दिसंबर से फरवरी तक धुुंध के मौसम दौरान होते हैं, जिनको घटाना बड़ी चुनौती है व इसलिए विशेष मुहिम की जरूरत है। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए कि धुंध के मौसम दौरान हादसों का कारण बन रहे सड़कों पर खड़े वाहनों के चालान किए जाएं।

सड़क सुरक्षा व हादसों में लोगों की जान बचाने जैसे भलाई कार्यों में जुटी समाज-सेवी संस्थाओं की प्रशंसा करते ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा ऐसी संस्थाओं व व्यक्तियों को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने समाज-सेवी संस्थाओं को बढ़ चढ़कर कर समाज भलाई के कार्यों में सहयोग देने की अपील करते कहा कि वह सड़क सुरक्षा के लिए सरकार को सुझाव दें ताकि लोगों की जान की रक्षा की जा सके।

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