पीजीआई में ब्लैक फंगस पीड़ित की मौत, कई की हालत नाजुक

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पांच मरीजों के हुए ऑप्रेशन

  • लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या

  • इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी न मिलने से आ रही सर्जरी में बाधा

रोहतक (सच कहूँ/नवीन मलिक)। पीजीआई में ब्लैक फंगस की बीमारी के चलते एक 45 वर्षीय व्यक्ति की उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि पांच मरीजों के ऑप्रेशन किए गए। अभी भी कई मरीजों की हालत नाजुक है और इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी की कमी के चलते पीजीआई में ऑप्रेशन वेटिंग में चल रहे हैं। इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी को लेकर पीजीआई हर रोज स्वास्थ्य मंत्रालय को रिमाइंडर भेजा जा रहा है, लेकिन प्रयाप्त इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। मरीजों के तिमारदार भी अपने स्तर पर इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी के इंतजाम में लगे रहते हैं, लेकिन इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। अभी भी पीजीआई में 123 मरीज ब्लैक फंगस की बीमारी से उपचाराधीन है।

शुक्रवार को सोनीपत निवासी एक 45 वर्षीय युवक की पीजीआई में उपचार के दौरान ब्लैक फंगस की वजह से मौत हो गई। हर रोज मरीजों की संख्या बढ़ रही है और अब तो निजी अस्पतालों से भी मरीजों को पीजीआई भेजा जा रहा है। पीजीआई में 6 हजार इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी की डिमांड भेजी गई है, लेकिन नाममात्र की ही सप्लाई पीजीआई को मिली है।

पीजीआई के डाक्टरों का कहना है कि कोरोना से तो राहत मिलनी शुरू हो गई है, लेकिन ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या हर रोज बढ़ रही है। इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी की सप्लाई को लेकर प्रदेश सरकार ने केंद्र से भी मांग की है। बताया जा रहा है कि अब तक पीजीआई में सिर्फ तीन सौ ही इंजेक्शन की सप्लाई हुई है, जबकि एक हजार के करीब इंजेक्शन की इस वक्त जरुरत है, लेकिन इंजेक्शन ने मिलने के कारण सर्जरी रोकनी पड़ रही है।

पीजीआई प्रवक्ता डाक्टर गजेंद्र सिंह का कहना है कि ब्लैक फंगस की बीमारी से निपटने के लिए ईएनटी की टीम के साथ कई अन्य विभागों के डाक्टर ईलाज में जुटे और आवश्कता के अनुसार मरीजों को इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को पांच मरीजों के ऑप्रेशन किये गए है और एक मरीज की मौत हुई है।

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