Drug Addiction : लगातार पैर पसार रहा नशा, समस्या का सही समाधान निकाला जाए!

Drug Addiction
लगातार पैर पसार रहा नशा, समस्या का सही समाधान निकाला जाए!

Drug Addiction: देश के कई राज्य नशे की चपेट में हैं। छोटे-बड़े शहरों से लेकर गांवों में भी नशे ने अपने पैर पसार लिए हैं। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब नशे की बरामदगी न हो। हाल ही में पंजाब में 77 किलो की बड़ी खेप बरामद की गई थी। सरकारें भी नशा विरोधी अभियान चला रही हैं, लेकिन सरकारी अभियान की सबसे बड़ी समस्या यह है कि शराब को अभी तक नशा नहीं माना गया जबकि शराब मानव स्वास्थ्य, समाज और अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी बबार्दी है। शराबबंदी वाले राज्यों को छोड़ दें तो शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा जहां सरकार को शराब से प्राप्त होने वाले राजस्व पर गर्व न हो।

प्रत्येक राज्य सरकार का कहना है कि पिछले वर्ष की तुलना में आबकारी विभाग ने ज्यादा राजस्व एकत्रित किया है। राज्यों के वित्त मंत्री कहते हैं कि आबकारी विभाग कमाई कर रहा है, वे यह नहीं कहते कि राज्य में शराब ज्यादा बिक रही है, लोग ज्यादा शराब पी रहे हैं और सरकार को खूब पैसा मिल रहा है। वास्तविक्ता यही है कि वे शब्दों के हेर-फेर में असली बात छुपा रहे हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि शराब से आय प्राप्त करने का लालच करने वाले राज्य के लोगों का स्वास्थ्य, मानसिकता और अर्थव्यवस्था खोखली हो जाएगी, क्योंकि इसके कारण झगड़े, दुर्घटनाएं, बीमारियां, आत्महत्याएं बढ़ रही हैं। Drug Addiction

एक तरफ लिखा होता है कि शराब पीकर गाड़ी न चलाएं, वहीं दूसरी तरफ ड्राइवर सरकार की मंजूरी से खुले ठेकों से शराब खरीदते हैं। किसी को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि शराब पीने वाले लोग समाज व राज्य को कमजोर ही बनाएंगे। शराब को धर्म और संस्कृति नकारते हैं, शराब को बुराई मानते हैं, तो शराब बेचकर आर्थिक उन्नति की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, यही हाल मनोरंजन का भी है, ऑनलाइन गेम्स को बढ़ावा देने से समाज पतन की ओर जाएगा। बच्चे अपने माता-पिता की हत्या करने से भी नहीं कतरा रहे हैं। Drug Addiction

सरकारें बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए नए-नए नामों से अच्छे स्कूल खोल रही हैं, जो सराहनीय है, लेकिन जिस तरह के संस्कार बच्चों को मिल रहे हैं, उससे उनका नुकसान हो रहा है। इलाज की सुविधा मुहैया कराना भी अच्छी बात है, लेकिन शराब के ठेकों का बढ़ना, टीवी और सोशल मीडिया पर अश्लीलता की भरमार समाज के विनाश का कारण बनेगी। केवल आर्थिक मजबूती ही विकास का आधार नहीं बल्कि स्वास्थ्य व चरित्र ही मानवीय जीवन के असली गहने हैं। जो शांतिप्रिय, नशामुक्त और खुशहाल समाज की निशानी है। Drug Addiction

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