G20 Summit 2023: 4100 करोड़ का खर्च, 29 देशों का जुटान, आखिर जी-20 सम्मेलन से देश को क्या मिलेगा?

G20 Summit 2023
G20 Summit 2023: 4100 करोड़ का खर्च, 29 देशों का जुटान, आखिर जी-20 सम्मेलन से देश को क्या मिलेगा?

G20 Summit 2023: G-20 को लेकर पूरा देश खुशियां मना रहा है और इससे अलग-अलग तरीके की चीजे निकल कर सामने आ रही है। वहीं अगर सुरक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े प्रबंध किए गए हैं। जमीन से लेकर आसमान तक की सुरक्षा की जा रही है। यहां पर 29 देश के नेता प्रतिनिधि करने पहुंच चुके हैं।

लेकिन क्या आपको पता है कि G-20 में होने वाले सम्मेलन में कितना खर्च लगने वाला है और कितना लग चुका है, अगर नहीं तो हम बताते हैं कि इसमें कितना खर्च हो चुका है। दरअसल G20 सम्मेलन को लेकर 10 करोड़ यानी की 4100 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान लगाया गया है। वहीं 29 देशों के नेताओं का जुटान और क़रीब 10 डॉलर यानी 4100 करोड़ रुपए खर्च के अनुमान के बीच एक सवाल सभी भारतीयों के मन में है, कि आखिर दिल्ली में हो रहे G20 की मीटिंग से भारत को क्या मिलेगा? वो भी तब, जब चीन और रूस के राष्ट्रपति इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर रहें हैं।

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दरअसल पिछले साल G20 की मेजबानी मिलने के बाद से ही भारत सरकार इसकी तैयारियों में जुट गई थी। जानकारी के मुताबिक इसकी तैयारी को लेकर देश के 50 से अधिक शहरों में करीब 200 बैठकों का आयोजन किया गया।
G20 विश्व के 20 सबसे ताकतवर देशों का एक समूह है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक, कूटनीतिक और पर्यावरण के मुद्दों पर विचार-विमर्श करता है, साथ ही इसका हल निकालने की कोशिश करता है।

वहीं बैठक के कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन बातें उजागर की है उन्होंने कहा कि G20 के एक्शन प्लान के सतत विकास लक्षण में बड़ी तेजी आएगी जो भविष्य की दिशा को निर्धारित करेगा। माना जा रहा है कि G20 महासम्मेलन में तीन विषयों पर सभी नेता बात करेंगे यह विषय है वन अर्थ, वन फैमली ओर वन फ्यूचर। वन अर्थ में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण जैसे पर्यावरण जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएंगी। और अगर वन फ्यूचर की बात की जाए तो ऐसे बड़े मुद्दों पर जितने नेता विदेश से आएंगे सब इस पर बातचीत करेंगे।

G20 से भारत को क्या मिलेगा?

  • दुनिया में भारत की छवि मजबूत होंगी।
  • दुनिया के देशों में नेतृत्व की भावना बदलेंगी।
  • निवेश आने की संभावना।