नारायणगढ़ के गांव लोंटो में गुस्साएं परिजनों ने राजकीय मिडल स्कूल पर जड़ा ताला

गणित शिक्षक का पद समाप्त, पंजाबी टीचर का भी ट्रांसफर

  • सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

नारायणगढ़। (सच कहूँ/सुरजीत कुराली) अभी बड़ागांव के सरकारी स्कूल में गणित अध्यापकों के पद समाप्त करने के मामले में लोगों द्वारा किया गया प्रदर्शन शांत भी नहीं हुआ था कि सरकार द्वारा गणित के टीचर की पोस्ट खत्म करने व पंजाबी के टीचर की ट्रांसफर के मामले में नारायणगढ़ के गांव लोंटो में गुस्साये परिजनों व ग्रामीणों ने राजकीय मिडल स्कूल पर ताला लगा कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों द्वारा टीचरों के बहाल करने की मांग रखी गई। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार ने जल्दी ही फैसला न लिया तो बड़ा आन्दोलन करेंगे। वहीं सूचना मिलने पर खंड शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे जहां ग्रामीणों ने उन्हें अपनी शिकायत सौंपी। बीईओ ने शिकायत विभाग तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। बता दें कि स्कूल में प्राईमरी के बच्चों को पढ़ाने के लिए दो अध्यापक हैं जबकि मिडल स्कूल के लिये तीन अध्यापक है और 8वीं कक्षा में करीब 47 बच्चे पढ़ते हैं। ऊपर से सरकार द्वारा गणित अध्यापक की पोस्ट खत्म करने व यहा से पंजाबी के अध्यापक की ट्रांसफर होने से बच्चों की शिक्षा प्रभावित होना लाजमी है।

सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होगी तो बच्चे मजदूर बनकर रह जाएंगे: परिजन

परिजन जसविन्द्र कौर ने बताया कि स्कूल में पहले ही अध्यापक कम है। प्राईमरी के बच्चों के लिये दो
अध्यापक है ये अध्यापक कैसे पांचवी तक बच्चों को पढ़ाएंगे। उपर से गणित के अध्यापक का पद समाप्त कर दिया गया है और पंजाबी के टीचर भी ट्रांसफर हो गया है। तो हमारे बच्चे कैसे पढ़ेंगे। जब पढ़ेंगे लिखेंगे नहीं तो हमारे बच्चे मजदूर बनकर रह जायेंगे।

सरकार शिक्षा का निजीकरण करने पर तुली: ग्रामीण अमनदीप

ग्रामीण अमनदीप ने बताया कि इस सरकारी मिडल स्कूल में 8 वीं कक्षा के 47 बच्चे है और इनको पढ़ाने के लिये 5 अध्यापक हैं। पहले इस स्कूल में पूरे अध्यापक थे लेकिन सरकार की गलत नीतियो के कारण गणित अध्यापक की पोस्ट ही खत्म कर दी गई। हिन्दी का टीचर कैसे गणित पढ़ायेगा। इंग्लिश का टीचर कैसे पंजाबी पढ़ा सकता है। हमारी सरकार से मांग है कि जो यह गलत नीतियां है इन्हें बंद करे। इन्हीं नीतियों के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। आज सरकार शिक्षा का नीजिकरण करने पर तुली है। गरीब आदमी अपने बच्चे को प्राईवेट महगें स्कूलो में कैसे पढ़ायेगा। हमारी यही मांग है कि जो सरकार ने यह नीतियां पास की है उसे तुरंत रद्द किया जाए।

क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार

इस बारे जब खंड शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार से बात की गई तो उन्होने बताया कि वे मौके पर गामीणों के मध्य पहुंचे थे। उन्होने ग्रामीणों को हर तरह का आश्वासन दिया कि बच्चों की पढ़ाई का कोई नुक्सान नहीं होगा। अभी और भी ट्रांसफर होनी हैं। ग्रामीणों ने उन्हें अपनी शिकायत सौंपी है जो उन्होंने विभाग तक पहुंचा दी है।

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