किसानों ने जहरीले पानी के स्थाई समाधान को लेकर जताया रोष

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किसानों को उजाड़ने का काम नहीं हो

श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब के दरियाओं और नहरों के जहरीले पानी (Toxic Water) को फ्लैश आउट करने का हवाला देकर श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में गंगनहर व भाखड़ा नहर परियोजनाओं में 13 मई से प्रस्तावित बन्दी के विरोध में वीरवार को रेलवे स्टेशन के नजदीक सिंहसभा गुरुद्वारा में किसानों की बैठक हुई। बैठक में नहरबंदी को रद्द करने की मांग की गई। अन्यथा 10 मई को किसानों ने जिला कलेक्टरेट का घेराव करने की चेतावनी दी। किसानों ने स्पष्ट कहा कि जहरीले पानी का स्थाई समाधान हो। केवल औपचारिकता करने के लिए किसानों को उजाड़ने का काम नहीं हो।

संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में हुई बैठक में पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर नहरों में बंदी लेने का फैसला अनुचित है। उन्होंने कहा कि सरकारों की मंशा किसानों को पूरी तरह बर्बाद करने की है। एक ही वर्ष में दो बार बन्दी महज कम अंतराल में लेने से स्पष्ट है कि ग्रीन ट्रिब्यूनल व बीबीएमबी ने नहरबंदी से पूर्व कृषि विशेषज्ञों व किसान संगठनों की राय लिया बिना अपना फरमान सुनाया है। इसे किसी भी कीमत पर सहन नही किया जा सकता है।

कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष पृथ्वीपालसिंह संधू ने कहा कि इन दिनों में बन्दी लेने किसान नरमे की बिजाई से वंचित हो जाएंगे। वहीं मूंग व ग्वार की बिजाई भी प्रभावित होगी। किसान आर्मी के सयोजक मनिंद्र सिंह मान ने कहा कि जिले में तूड़ी के रेट आसमान छू रहे है। सिंचाई पानी के अभाव में पशुओं हरे चारे के संकट खड़ा हो जाएगा। उन्होंने कहा सरकार को संजीदा होकर जनता के हित में निर्णय लेने चाहिए। किसान सभा की केंद्रीय कौंसिल के सदस्य श्योपत मेघवाल ने कहा कि प्रदूषित पानी (Toxic Water) को रोकने के लिए जनता ने बहुत बार सरकारों को चेताया है।

कभी कोई हल नही निकाला गया। अब जहरीले पानी को पाकिस्तान भेजे जाने के नाम पर खेती को बर्बाद किया जा रहा है। ये हम सहन नहीं करेंगे। बैठक में किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालूराम थोरी, कॉमरेड गुरचरण सिंह मौड़, रविन्द्र तरखान, रमन रंधावा, अमरसिंह बिश्नोई, जल उपभोक्ता संगम अध्यक्ष अवतारसिंह संधू, अमतेंद्र सिंह क्रांति, रामकुमार दौलतपुरा, महिमासिंह मक्कासर, दलीप सहारण, रामेश्वर भादू, पवन बिश्नोई, रिशपाल सिंह पन्नू, नक्षत्रसिंह बुट्टर, दलवीरसिंह श्रीकरनपुर, महेंद्र वर्मा आदि किसानों ने विचार रखे।

बैठक के उपरांत किसानों ने सिंहसभा गुरुद्वारा से जिला कलेक्टरेट तक पैदल मार्च करते हुए नहर बन्दी के विरोध में जमकर नारेबाजी की।किसान नेताओं ने जिला कलेक्टर के मार्फत मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर 13 मई से प्रस्तावित नहर बन्दी रदद् कर पूरा सिंचाई पानी उपलब्ध कराने, पेयजल आपूर्ति के लिए 10 दिन तक पानी का उपयोग नहीं करने, बागवानी व गन्ने की फसलों का उच्च स्तरीय सर्वेक्षण करवाकर मुआवजा व क्लेम देने आदि मांगों को प्रमुखता से रखा गया। मांगों का शीघ्र समाधान नही होने पर 10 मई को गंगासिंह चौक पर पड़ाव डालने व जिला कलेक्टरेट का घेराव करने की चेतावनी दी है।

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