साहब बच्चे खाना नहीं देते, न्याय दिला दो….

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सांकेतिक फोटो

इटावा (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah) में बेटों के जुल्म ओ सितम से आजिज एक बुजुर्ग दंपत्ति ने न्याय के लिये जिला प्रशासन का दरवाजा खटखटाया है। जसवंतनगर क्षेत्र के निवासी दंपत्ति का दर्द है कि उनके दो पुत्रों ने उनकी संपत्ति में कब्जा जमा लिया है और उन्हे दाने दाने का मोहताज बनाकर घर से बेदखल कर दिया है। एसडीएम ने नोटिस जारी कर कलियुगी बेटों से जवाब तलब किया है। समाधान दिवस के अवसर पर बुजुर्ग दंपति अपने पुत्रों की शिकायत लेकर अधिकारियों के समक्ष पेश हुए थे। (Etawah News)

थाना समाधान दिवस (Solution Day) के मौके पर पहुंचे शांति स्वरूप गुप्ता (80) और सरोज गुप्ता (75) ने रूंधे हुये गले से कहा, ‘साहब मेरे बेटे मुझे जान से मारने की धमकी देते हैं, खाने मांगने पर गाली गलौज करते हैं। मुझे न्याय दिला दो साहब। पीड़ित दम्पति ने बताया कि उनके तीन बेटे और एक बेटी है। उसके एक बेटे ने अपना सामान लेकर घर त्याग दिया है । पुत्री का विवाह हो चुका है। दो पुत्र संदीप गुप्ता व शैलेन्द्र गुप्ता माता पिता के साथ भद्दी भद्दी गाली-गलौज करते हैं।

दोनों बेटे उन्हे अपने साथ नहीं रखना चाहते हैं। बीमार रहने पर इलाज भी नहीं कराते व आये दिन हम लोगों को परेशान करते रहते हैं। बोलते हैं कि दुकान और मकान का बंटवारा करके हम दोनों को दे दो, तभी हम दोनों तुम दोनों को रोटी पानी खिलाएंगे।एसडीएम कौशल कुमार ने बताया कि दम्पति ने अपने जिन दो बेटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, उन्हें नोटिस जारी कर मां बाप का भरण पोषण करने के निर्देश दिए जाएंगे और ऐसा न करने पर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जाएगी।

क्या है मामला | (Etawah News)

गौरतलब है कि वृद्ध व्यक्तियों की देखरेख और सुरक्षा के उद्देश्य से माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 बनाया गया है। कोई भी वरिष्ठ नागरिक, जिसकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, इसमें वे माता-पिता भी आते हैं, जो खुद कमाने में असमर्थ हैं, वे अपने बालिग बेटा, बेटी, पौत्र, पौत्री से भरण-पोषण खर्च पाने की पात्रता रखते हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए वरिष्ठ नागरिक अपने क्षेत्र के एसडीएम कार्यालय में आवेदन कर सकते हैंं। अधिकतम दस हजार रुपए प्रति महीने भरण-पोषण खर्च दिलाया जा सकता है।

‘वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवा योजना 2016 शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को प्रत्येक स्तर पर विधिक सहायता, सलाह, परामर्श को सुदृढ करना, उन्हें विभिन्न विधिक प्रावधानों के लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाना, सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों तक पहुंच सुनिश्चित करना और पुलिस, स्वास्थ्य देखभाल प्राधिकरणों एवं जिला प्रशासन आदि के साथ सहयोग कर तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएं एवं शारीरिक एवं सामाजिक सुरक्षा उपाय करने के लिए तरीके खोजना है।

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