राहत केंद्रों में बाढ़ प्रभावित लोगों को मिल रहा घर जैसा माहौल

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फाजिल्का के सीमावर्ती गांवों में बाढ़ के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है और कई गांव पानी में डूब गए हैं।

जल्द घर लौटने की इच्छा, लेकिन शिविर की व्यवस्था से संतुष्ट Fazilka News

फाजिल्का (सच कहूँ/रजनीश रवि)। फाजिल्का के सीमावर्ती गांवों में बाढ़ (Flood) के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है और कई गांव पानी में डूब गए हैं। इन गांवों से बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित निकाला गया। इसलिए फाजिल्का जिला प्रशासन ने जगह-जगह राहत शिविर लगाए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग अपने सामान और मवेशियों के साथ पहुंचे हैं। ऐसा ही एक राहत शिविर गांव हस्ता कलां के सरकारी स्कूल में चल रहा है। Fazilka News

शिविर का दौरा करने और यहां रहने वाले लोगों से बातचीत करने के बाद उन्होंने यहां की व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया है। दिन के समय शिविर में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे होते हैं क्योंकि पुरुष सदस्य बाढ़ की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी लेने को चले जाते है। Fazilka News

शिविर में ढाणी सद्दा सिंह की बलबीर कौर ने कहा कि उनका गांव सबसे अधिक प्रभावित है और प्रशासन उन्हें समय पर यहां ले आया। उन्हें घर की बहुत याद आती है और वे जल्द घर जाना चाहते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें घर जैसा माहौल देने की कोशिश की जा रही है।

गट्टी नंबर 3 के सिंकदर सिंह ने कहा कि उनके गांव के खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है और वह अपनी फसलों को लेकर काफी चिंतित हैं। उनके मुताबिक एक ही सीजन में दो बार आए पानी से फसलें खराब हो गई हैं, लेकिन अच्छा हुआ कि प्रशासन उन्हें यहां ले आया और उनके परिवार और सामान की सुरक्षा हो सकी। उन्होंने कहा कि यहां हर तरह की मदद उपलब्ध है।

गुलाबा भैणी के जसबीर सिंह ने कहा कि फसलों का मुआवजा दिया जाए और जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि वे अपने परिवार और बच्चों के साथ यहां आए हैं और यहां रहकर उनके लिए यह कठिन समय आसान हो गया है। जो बच्चे अपने परिवार के साथ कैंप में आए हैं उन्हें पहले यहां के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने के लिए भेजा जाता था, लेकिन अब छुट्टियों के कारण ए बच्चे अपने माता-पिता के साथ पढ़ते और खेलते नजर आ रहे हैं. बच्चों के लिए छुट्टियाँ तो अच्छी होती हैं लेकिन ए बच्चे भी जल्दी स्कूल जाना चाहते हैं, ऐसी इच्छा यहाँ खेल रहे छोटे-छोटे बच्चों ने व्यक्त की। Fazilka News

यहां समय-समय पर लोगों के पशुओं के लिए पशु आहार और चारा भी उपलब्ध कराया जाता है। कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें नाव से बाहर निकाला गया और उनका सामान गांव में ही रह गया, इसलिए प्रशासन ने उन्हें बिस्तर और पंखे किराए पर ला कर दिए है ताकि वे यहां अपना समय बिता सकें। उधर, डिप्टी कमिश्नर डॉ. सेनु दुग्गल ने कहा कि प्रशासन इन लोगों को हर तरह की मदद मुहैया करा रहा है और 1545 लोग राहत केंद्रों में रुके हुए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही स्थिति में सुधार होगा और घर जाना सुरक्षित होगा तो इन लोगों को घर भेज दिया जाएगा। Fazilka News

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