साध-संगत द्वारा बनाये गये फूड बैंक परोस रहे बेसहारा को खाना

Food banks sachkahoon

फूड बैंक से चलता है अनेकों बेसहारा लोगों का चूल्हा

सच कहूँ, देवीलाल बारना, कुरुक्षेत्र। डेरा सच्चा सौदा द्वारा 138 मानवता भलाई के कार्य किए जा रहे हैं। इन्हीं कार्यों में से एक फूड बैंक (Food Banks) भी है। आपने बैंक नाम तो सुना ही होगा, जहां लोग अपनी सेविंग जमा करते हैं लेकिन डेरा सच्चा सौदा द्वारा साध संगत के लिए फूड बैंक बनाया गया है। यहां साध संगत पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर चलते हुए सप्ताह में एक दिन भूखा रहकर फूड बैंक में राशन जमा करते हैं और समय अनुसार जरूरतमंद लोगों को यह राशन भेंट किया जाता है।

यह क्रम पिछले काफी समय से साध संगत चलाए हुए है। फूड बैंक (Food Banks) से हर माह लाखों लोग लाभांवित होते हैं। कुरुक्षेत्र जिला में भी ब्लॉक कुरुक्षेत्र, पिहोवा, धुराला, पिपली-उमरी, इस्माईलाबाद, लाडवा, बाबैन, शाहबाद, मंधेड़ी, इस्हाक-बाखली में फूड बैंक से प्रत्येक माह राशन जरूरतमंद लोगों को भेंट किया जा रहा है। इतना ही नहीं पूरे मान सम्मान के साथ इन परिवारों के पास यह राशन पहुंचाया जाता है। जिला में अनेकों जरूरतमंद परिवार ऐसे हैं जिनको साध संगत की ओर से प्रत्येक माह व जरूरत पडने पर बीच में राशन भेंट किया जाता है।

कई परिवार ले रहे सालों से राशन : ठाठ सिंह

ब्लॉक धुराला के 15 मैंबर ठाठ सिंह व मनजीत मलिक ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके ब्लॉक में कई लोग ऐसे हैं जिनके पास खाने का सिस्टम नही हैं। ऐसे परिवारों को ब्लॉक की साध संगत की ओर से हर माह राशन दिया जाता है। कुछ परिवार ऐसे भी है जिनको पिछले माह से राशन दिया जा रहा था, लेकिन अब वे अपना खर्च चला सकते हैं तो उनके स्थान पर दूसरे नए जरूरतमंद लोगों को जोड़ लिया गया ताकि उन्हें दो वक्त का भोजन मिलता रहे। इसके अलावा भी साध-संगत को जब भी किसी के जरूरतमंद होने का पता चलता है तो साध-संगत द्वारा समय-समय पर उन्हें राशन दिया जाता है।

70 वर्ष की उम्र में डेरा श्रद्धालु बने हैं मेरा सहारा : मालो देवी

ब्लॉक धुराला के गांव मच्छरोली की रहने वाली 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला मालोद देवी ने बताया कि पिछले कई वर्षों से वह डेरा सच्चा सौदा के फूड बैंक (Food Banks) से राशन ले रही हूँ। मेरे घर में मै, पति व एक गोद ली हुई 10 वर्षीय बेटी है। मेरे परिवार में से कोई भी व्यक्ति ऐसा नही है जो काम कर कमाई कर सके। ऐसे में उसके पास खाने के लाले पड गए तो उसने डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों से संपर्क साधा। अब डेरा सच्चा सौदा के सेवादार ही उसका परिवार है। उसके पास राशन की कमी होती है या कोई अन्य प्रकार की जरूरत होती है तो वह अपने नए परिवार के सदस्यों से मांग करती है और उसकी हर समस्या दूर हो जाती है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।