कोरोना महामारी में फर्जी ऑक्सीमीटर एप्स का खेल शुरू, पुलिस ने जारी एडवाइजरी

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किसी भी अंजान एप को न करें डाउनलोड : एसपी

रोहतक (सच कहूँ/नवीन मलिक)। कोरोना महामारी के दौरान फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप्स से होने वाली धोखाधड़ी को लेकर पुलिस ने विशेष एडवाइजरी जारी की है। पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने बताया कि इंटरनेट पर कुछ यूआर लिंक आपके ऑक्सीजन स्तर की जांच करने के लिए साईबर अपराधी नकली मोबाइल ऑक्सीमीटर ऐप प्रदान करने के लिए विज्ञापन कर रहे हैं। साइबर अपराधियों ने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाने वाले कोविड़ से संबंधित फर्जी ऐप बनाना शुरू कर दिया है। आम नागरिक सोचते हैं कि इस तरह की ऐप्स से ऑक्सीजन का स्तर जांचना आसान है, लेकिन यह बहुत खतरनाक है।

इस तरह के ऐप्स बनाने वाले ऐप्स डाउनलोड करने के बाद उपयोगकर्ताओं को बेवकूफ बनाते हैं। ये फर्जी ऐप व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच बनाने के लिए गूगल पे, फोन-पे, पे-एटीएम आदि तथा उपयोग किए गए फिंगरप्रिंट डाटा का प्रयोग करते हैं। नकली ऑक्सीमीटर ऐप डेटा तक पहुंचने और धोखाधड़ी गतिविधियों का संचालन करने में सक्षम है। आमजन इन ऐप्स को मुफ्त में डाउनलोड करते हैं और सोचते हैं कि यह त्वरित और सस्ता माध्यम है। लोगों को ऐसे नकली ऐप्स से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि वे आसानी से आपका डेटा हैक कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि उपयोगकर्ता जब फर्जी ऐप को अपने मोबाईल फोन मे डाउनलोड करते हैं तो यह ऑक्सीजन स्तर की जांच करने के लिए फोन लाईट, कैमरा और फिंगर प्रिंट स्कैनर का उपयोग करता है। फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ जालसाज आपके डेटा तक पहुंचने में सफल हो जाते हैं। लोग सोचते हैं कि वे घर पर सुरक्षित रहते हुए अपने ऑक्सीजन के स्तर की जांच आसानी से कर सकते हैं। हालांकि ऐसा नहीं है। इस तरह की ऐप्स मोबाइल फोटो गैलरी में भी एक्सेस करने की अनुमति मांगता है, जब आप अनुमति देते हैं तो फर्जी ऐप सभी फोटो गैलरी के माध्यम से जाकर जालसाज आपके खातों को हैक कर सकते हैं।

उन्होंने आमजन से अपील कि कभी भी ऐसा कोई अंजान या संदिग्ध ऐप डाउनलोड न करें, जो इस प्रकार के कपटपूर्ण दावे करता हो। उपयोगकर्ता को ऑक्सीमीटर के काम करने बारे में पूर्ण जानकारी रहनी चाहिए।

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