गांधी के डॉक्टर थे गुजरात के सबसे पहले मुख्यमंत्री

Jivraj Narayan Mehta

गुजरात गांधीजी का घर। प्रधानमंत्री मोदी का घर। 12 साल तक मोदी जी यहां के मुख्यमंत्री रहे। 1 मई 1960 को बाम्बे से काटकर बनाया गया था गुजरात को। बाद में देश के सबसे विकसित राज्यों में से एक बना। जब पहला आम चुनाव हुआ तो हर जगह के तरह काँग्रेस यहाँ भी जीत गई। और पहले मुख्यमंत्री बने जीवराज नारयण मेहता। जीवराज नारयण मेहता बाम्बे के अमरेली में 29 अगस्त (आज ही के दिन), 1887 को एक गरीब परिवार में पैदा हुए। बचपन से ही जीव पढ़ने में होशियार थे। पर हमेशा के तरह यहाँ भी गरीबी पढ़ाई को आइना दिखा रही थी। जीव की लगनशीलता को उनका दादी ने समझ लिया था। क्योंकि बिजली ना होने से वो घर के बाहर लगे स्ट्रीट लाइट में ही पढ़ने लगते थे। किसी तरह से उनहोंने प्राथमिक शिक्षा हासिल किया।

मेहता शुरू से डॉक्टर बनना चाहते थे। इसकी पढ़ाई में तो आज भी बहुत पैसे लगते हैं। लेकिन कहते हैं ना कि मेहनत आँख बंद करके ही की जानी चाहिए, फिर कहीं जाकर कामयाबी मिलती है। सेठ कपोल बोर्डिंग ट्रस्ट ने उनकी पढ़ाई के खर्च की जिÞम्मेदारी उठा ली। डॉ. मेहता हर साल पढ़ाई में फर्स्ट आते रहे। मेडिकल में ग्रेजुएशन करने के बाद वो मास्टर्स के लिए लंदन चले गए। लंदन में 1909-15 तक रहे। पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वापस भारत आए तो उस वक़्त यहाँ आजादी का आंदोलन सर चढ़ कर बोल रहा था। वो भी आंदोलन में कूद पड़े। लेकिन अपनी डाक्टरी नहीं छोड़ी। गांधीजी के संपर्क में आए और उनके पर्सनल डाक्टर बन गए। उनके साथ मिलकर देश की सेवा करने लगे। देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। आजदी के बाद डॉ मेहता सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। 1 मई 1960 को जब गुजरात अस्तित्व में आया तो डॉ मेहता राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने।

 

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