आजकल विश्वास किस पर करें और कैसे करें, पूज्य गुरु जी ने किए शानदार वचन

Ram Rahim

सवाल : गुरु जी आजकल विश्वास किस पर करें और कैसे करें, समझ नहीं आता जी, क्योंकि लोग बहुत मतलबी हैं।
पूज्य गुरु जी का जवाब : बेपरवाह जी का एक वचन हमेशा याद रखो कि ‘‘रहणा मस्त ते होणा होशियार चाहिदा’’। यकीन तो करना ही पड़ेगा, क्योंकि काम धंधे के लिए यकीन तो करना पड़ता है। लेकिन मस्ती के साथ होशियारी भी जरूरी है। ये ध्यान रखिएगा।
सवाल : गुरु जी पिछले जन्म का इन्सान को जब कुछ याद ही नहीं तो इस जन्म में उसका फल क्यों भोगना पड़ता है? चाहे वो इस जन्म में अच्छा ही कर्म क्यों ना कर रहा हो।
पूज्य गुरु जी का जवाब : इस जन्म का लेखा-जोखा आपके साथ जुड़ गया है। पिछले जन्मों के संचित कर्म के बारे में धर्मानुसार मिलता है कि काल-महाकाल ने वचन लिए भगवान से जब सृष्टि की रचना हुई तो उसमें ये भी वचन था कि कोई भी उसके कर्मों के दायरे से बाहर ना निकल पाए। अंत में भगवान ने मनुष्य शरीर बनाया था, जब देखा कि आत्माएं तो फंस गई हैं तो फिर वो शरीर बनाकर कहा था कि इसमें ये सारे कर्मों का खात्मा करके मेरे को यानी भगवान को पा सकती हैं, ये भगवान ने बोला। तो कहने का मतलब बाकी शरीरों में कर्म तो कर सकता है, लेकिन शरीर इतने ताकतवर नहीं होते कि उसका फल झेल सकें तो वो संचित यानी जुड़ते चले जाते हैं पाप कर्म और ये शरीर क्योंकि भगवान ने बहुत मजबूत बनाया तो सारे कर्मों का बोझ इस शरीर पर आता है ताकि ये दुनियादारी में ही खोया रहे, राम की तरफ जाए ही ना। पर भगवान ने इतनी शक्ति दे रखी है कि अगर आप भक्ति कर लोगे तो वो संचित कर्म ही नहीं, इस जन्म के कर्म भी कट जाएंगे और भगवान के दर्शन मृत्यु लोक में आप कर सकते हैं।

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