हरियाणा में रद्द होगी पीजीटी भर्ती!

HPSC
हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन

एक बार फिर जारी होगा पीजीटी भर्ती का विज्ञापन

  • परीक्षा का नया पैटर्न बना अड़चन एचपीएससी ने हाई कोर्ट में दाखिल किया जवाब

हिसार। (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। अपनी लापरवाही के कारण हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन (HPSC) एक बार फिर चर्चा में है। इस बार प्रदेश के स्कूलों में होने वाली पोस्ट ग्रैजुएट टीचर्स की भर्ती को लेकर हाईकोर्ट की फटकार लगी है। 2019 से लेकर अब तक तीन बार जारी हो चुके पीजीटी भर्ती का विज्ञापन रद्द माना जाएगा। इस बार विज्ञापन के बाद पीजीटी भर्ती का परीक्षा पैटर्न बदलना एचपीएससी, हरियाणा सरकार व खुद आवेदकों को महंगा पड़ा।

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दरअसल हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग की सिफारिश पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने सबसे पहले अगस्त 2019 में पीजीटी भर्ती (PGT Bahrti) को लेकर विज्ञापन जारी किया था। उसके बाद इस विज्ञापन को रद मानकर नवंबर 2020 में चयन आयोग ने फिर से विज्ञापन जारी किया। इतना ही नहीं हरियाणा सरकार ने 2022 में हरियाणा के स्कूलों में पोस्ट ग्रैजुएट टीचर्स भर्ती करने की जिम्मेदारी नए सिरे से हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन को दे दी। एचपीएससी ने फिर से दिसंबर 2022 में पीजीटी भर्ती का विज्ञापन जारी कर 150 प्रश्नों का बहुविकल्पी पैटर्न जारी कर दिया। साथ में नेगेटिव मार्किंग जोड़ी गई।

20 मार्च 2022 को बदला था परीक्षा पैटर्न

बदलाव यहीं तक नहीं रुका एचपीएससी ने 20 मार्च 2022 को एक बार फिर पीजीटी भर्ती (PGT Bahrti) का एग्जाम पैटर्न बदल दिया। इस बार एग्जाम पैटर्न दो अलग-अलग चरणों में विभाजित कर दिया गया। प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में विभाजित किए गए इस पैटर्न पर हरियाणा प्रदेश के आवेदकों ने कड़ी आपत्ति जताई, क्योंकि इस पैटर्न के अनुसार बहुविकल्पी प्रश्नों के स्थान पर डिस्क्रिप्टिव पश्न शामिल किए गए थे। एचपीएससी व हरियाणा सरकार ने आवेदकों की मांग पर विचार नहीं किया तो भिवानी की एक आवेदक पूनम व अन्य ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एचपीएससी द्वारा बदले गए एग्जाम पैटर्न को चैलेंज कर दिया।

हाईकोर्ट ने लगाई थी भर्ती पर रोक

इस जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने तुरंत रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार व एचपीएससी से जवाब दाखिल करने के लिए 11 मई का दिन निश्चित किया था। वीरवार को हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन की ओर से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक जवाब दाखिल कर सीधे तौर पर कह दिया गया कि हरियाणा में प्रस्तावित पीजीटी भर्ती के विज्ञापन को रद मानकर नए सिरे से एक नया विज्ञापन जारी किया जाएगा। इसे हाईकोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया पर पुराने विज्ञापन पर आधारित भर्ती पर अभी रोक जारी रहेगी।

इस फैसले से जहां परीक्षा पैटर्न की मांग कर रहे आवेदकों को राहत मिली है वही आवेदकों व सरकार को करारा झटका भी लगा है। क्योंकि अब दोबारा विज्ञापन जारी करने व एग्जाम पैटर्न बनाने में समय लग सकता है। इस फैसले से एक तरफ जहां हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को अभी शिक्षकों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है तो वहीं युवा पढ़े-लिखे बेरोजगारों को अभी भर्ती के लिए एचपीएससी (HPSC) व सरकार की तरफ ही देखना पड़ेगा दूसरा और कोई चारा नहीं है।

4476 पदों के लिए 45 हजार ने किया था आवेदन

ज्ञात रहे कि शुरुआत में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के बाद में हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन ने पीजीटी के विभिन्न विषयों के कुल 4476 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। इनमें से 3863 हरियाणा कैडर के व 613 मेवात कैडर के पद निर्धारित किए गए थे। इस भर्ती में करीब 45 आवेदकों ने आवेदन किए थे। इस भर्ती के लिए पढ़े-लिखे एचटेट पास युवा बेरोजगार 2019 से ही तैयारी में लगे हुए थे। अब इस भर्ती के रद्द होने से बेरोजगारों को जोर का झटका लगा है।

नवंबर के बाद जारी हो सकता है नया विज्ञापन

हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन ने वीरवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जो जवाब दाखिल किया है उसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब नया विज्ञापन नवंबर के बाद ही जारी हो सकता है। क्योंकि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड हर वर्ष नवंबर माह में ही एचटेट की परीक्षा आयोजित करता है। यदि आयोग ऐसा करता है तो 2023 के एचटेट में शामिल होने वाले आवेदकों को भी इस भर्ती में मौका मिल सकता है।

पहले भी चर्चा में रही पीजीटी भर्ती | (PGT Bahrti)

यह पहला मामला नहीं है, जब हरियाणा के स्कूलों में पोस्ट ग्रैजुएट टीचर्स की भर्ती चर्चा में रही हो। इससे पहले भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब बड़े स्तर पर पीजीटी की भर्ती की थी। तब भी 4 वर्ष के अनुभव वाले आवेदकों को एचटेट के समानांतर मानकर बड़ा विवाद हुआ था। इसके अलावा गुड एकेडमिक रिकॉर्ड भी सबसे बड़ी बाधा बनी थी।

बाद में पात्र अध्यापक संघ की मांग पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने गुड एकेडमिक रिकॉर्ड को दसवीं से लेकर स्नातकोटर स्तर तक औसत अंकों के आधार पर गुड एकेडमिक रिकॉर्ड किया था। तब भी यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। आखिर 2014 में चुनाव से ठीक पहले पीजीटी की भर्ती तो पूरी हो गई थी लेकिन इसके मामले 2017 तक विचाराधीन रहे थे।