प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सुधरा शिक्षा का स्तर : कंवरपाल गुर्जर

JEE-Exam

25 होनहारों ने उत्तीर्ण की जेईई परीक्षा (JEE-Exam)

  • बेटियों के लिए हर 15 किमी. पर कॉलेज खुले

चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा है कि विगत छ: वर्षों में सरकार के प्रयासों से न केवल सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है बल्कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का रूझान शिक्षा के प्रति बढ़ रहा है। इसी के फलस्वरूप सरकारी स्कूलों के 25 विद्यार्थियों ने जेईई परीक्षा उत्तीर्ण कर राष्ट्रीय स्तर पर आईआईटी में दाखिला प्राप्त करने में सफलता हासिल की है। शिक्षा मंत्री ने इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा पंचकूला व रेवाड़ी में वर्ष 2018 में सरकारी स्कूलों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को दसवीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए तैयारी करवाने हेतु विशेष कार्यक्रम सुपर-100 की शुरूआत की गई। यह कार्यक्रम सफल रहा और हरियाणा के इतिहास में पहली बार सरकारी स्कूलों के 25 विद्यार्थियों को आईआईटी जैसी संस्थानों में दाखिला पाने के लिए जगह बनाई है।

दो और कोचिंग केन्द्र खोलने को मंजूरी

शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों के शिक्षा के प्रति बढ़ते रूझान को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दो और कोचिंग केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्रदान की है। इसके अलावा, उच्चतर शिक्षा के लिए कोलैटरल-फ्री शिक्षा ऋण देने की एक अनूठी पहल की है ताकि पैसे के अभाव में प्रतिभाशाली विद्यार्थी उच्चतर व व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण करने से वंचित न रहें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा के लिए माहौल तैयार किया है। छात्रों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है, बल्कि उन्हें विशेष कोचिंग भी दी जा रही है ताकि वे देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में प्रवेश ले सकें। राज्य में प्रत्येक 15 किलोमीटर की दूरी पर एक महिला कॉलेज स्थापित करने की व्यवस्था की गई है।

नो-डिटेंशन पॉलिसी से हुआ नुक्सान

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा नो-डिटेंशन पॉलिसी लागू करने से छात्रों के लिए बड़ी हानि हुई और फेल न होने के चक्कर में विद्यार्थियों का रूझान पढ़ाई से दूर हो गया था, जिसे अब फिर से पटरी पर लाया गया है और इसका ताजा उदाहरण है कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रवेश पाकर हरियाणा का नाम रोशन किया है।

नई शिक्षा नीति में दूर की अड़चनें

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति -2020 में विभिन्न नए सुधारों को शामिल किया गया है जो छात्रों के हित में हैं। नई शिक्षा नीति में छात्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बाधा उत्पन्न करने वाली सभी अड़चनों को दूर कर दिया गया है।

आईएएस और आईपीएस में आगे आ रहे बच्चे

शिक्षा मंत्री ने कहा कि आमतौर पर हरियाणा का विद्यार्थी मानसिक रूप से सेना या पुलिस में भर्ती होने के लिए ही शिक्षा ग्रहण करने का लक्ष्य रखता था, परन्तु अब पिछले छ: वर्षों से शिक्षा में जो सुधार किए गए है उसके फलस्वरूप हरियाणा के विद्यार्थी आज आईएएस, आईपीएस व एनडीए और सीडीएस जैसी परीक्षा उत्तीर्ण कर अव्वल स्थान प्राप्त कर रहा है, जो हरियाणा के लिए गर्व की बात है। शिक्षा मंत्री ने ऐसे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए हौसला अफजाई की है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।