बस में हो के सवार चले रे…चुनावी नइया लगाने पार चले रे…

Lok Sabha elections

लोकसभा चुनाव को लेकर हरियाणा कांग्रेस की परिवर्तन बस यात्रा शुरू

-बीजेपी को घेरने से ज्यादा कांग्रेस का अपनी एकजुटता पर रहा फोकस

गुरुग्राम सच कहूँ/संजय मेहरा । लम्बे अरसे बाद ही सही, आखिर हरियाणा कांग्रेस एक साथ नजर आयी। कल तक तो नेता एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते थे, आज वे एक होने का जनता के बीच दावा करते नजर आए। दिलों में बदलाव भले न आया हो, लेकिन जुबान से तो उन्होंने एक होने की बात कही। अब देखना यह है कि कांग्रेस के ये नेता आखिर कब तक एकता के सूत्र में बंधकर रह पाते हैं। मंगलवार को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से परिवर्तन बस यात्रा शुरू की गई है। गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर एम्बियंस मॉल के पास से यह बस यात्रा शुरू हुई। इस दौरान गुरुग्राम के छोटे-बड़े नेताओं का जमावड़ा रहा। अपनी ही पार्टी में एक-दूसरे की खिलाफत करने वाले कांग्रेस के नेताओं ने यहां एकता दिखाने का भरसक प्रयास किया।

-हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने दिखाई परिवर्तन बस यात्रा को झंडी

इस यात्रा में कांग्रेस के कई मुख्यमंत्री पद के दावेदार नेता एक साथ मौजूद रहे। कल तक जो एक-दूसरे को पछाड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे, खुद को मुख्यमंत्री के पद का प्रमुख दावेदार मानते थे, आज एक बस में सवार होकर जनता के बीच जाकर एकता का परिचय देने को वे आज मजबूर थे। इसका बड़ा कारण यह है कि प्रदेश में कांग्रेस छोटे से छोटे चुनाव में परास्त हुई है।

चाहे नगर निगम के चुनाव हों, मेयर के चुनाव हों या फिर जींद का उप-चुनाव। सभी में कांग्रेस की बुरी गत हुई है। जींद उप-चुनाव में तो इतनी बड़ी कांग्रेस की दुर्गति जो हुई, वह एक तरह से नेताओं की आपसी फूट का ही नतीजा था। जींद उप-चुनाव में सरकार के मंत्री यह तक कहकर चुटकी लेते रहे कि मुख्यमंत्री पद का एक दावेदार तो कम हुआ। यानी यहां कांग्रेस प्रत्याशी की हार निश्चित थी। हाईकमान के सख्त आदेशों के बाद हरियाणा के कांग्रेसियों को एक होने का मजबूर होना पड़ा। नहीं तो सभी की अपनी-अपनी नइया थी और खुद ही खेवैया थे। अब एक नाव में सवार होकर चुनाव रूपी समुद्र से पार होने को कांग्रेस ने शुरूआत कर दी है।

कुलदीप बिश्नोई का नहीं आना रहा चर्चा का विषय

कांग्रेस की परिवर्तन बस यात्रा के दौरान बस पर तो बाकी कांग्रेसी नेताओं के साथ कुलदीप बिश्नोई की भी तस्वीर लगी थी, लेकिन न तो बिश्नोई खुद और न ही उनकी विधायक पत्नी रेणुका बिश्नोई इस परिर्वतन बस यात्रा में शामिल हुए। ऐसे में यह चर्चा का विषय रहा। कुछ रोज पहले कुलदीप बिश्नोई के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी, जिनका उन्होंने खंडन करके कहा कि वे कहीं नहीं जा रहे।

बाकी राजनीति में कुछ कहा नहीं जा सकता। ये वही कुलदीप बिश्नोई हैं, जो कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बतौर मुख्यमंत्री हरियाणा की कमान मिलने के बाद कांग्रेस छोड़कर यह कहते फिरते थे कि वे कभी कांग्रेस का मुंह नहीं देखेंगे। आज वही कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस में आकर वैसी ही बात कह रहे हैं। राजनीति में संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि इस यात्रा में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी शामिल नहीं थे।

वातानुकूलित बस में सवार हो निकले कांग्रेसी

सफेद रंग की वातानुकूलित बस, बस के बाहर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद की बड़ी तस्वीर और बाकी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की छोटी तस्वीर लगाई गई है। सरहोल टोल से यह परिवर्तन बस यात्रा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में शुरू हुई यह बस यात्रा गुरुग्राम शहर में नहीं लायी गई, बल्कि पुराने शहर के बाहर से ही जयपुर हाईवे से राजीव चौक होते हुए अलवर रोड पर सोहना की तरफ मुड़ गई। जगह-जगह पर कार्यकतार्ओं ने भव्य स्वागत किया। परिवर्तन बस यात्रा का सोहना में पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। हालांकि वहां पर कार्यकतार्ओं की भीड़ बहुत कम नजर आई।

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