सरकारी स्कूलों में नहीं बनेगा मिड-डे-मील

Mid-day-meal will not be cooked in government schools

31 मार्च तक प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को मिलेगा सूखा राशन

सच कहूँ/सुनील वर्मा, सरसा। सरकारी स्कूलों में अभी मिड डे मील नहीं बनेगा। स्कूलों में प्राइमरी व अपर प्राइमरी कक्षा के विद्यार्थियों को सूखा राशन ही दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने 31 मार्च तक सूखा राशन ही देने के लिए निर्देश दिए हैं। जिसके लिए शिक्षा विभाग ने बजट भी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जारी कर दिया गया है। इसी के साथ सूखा राशन वितरण सही तरीके से करने के लिए निर्देश दिए गये हैं। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में छठी से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाई जा रही है। जबकि तीसरी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है।

घर पर ही मिलेगा सूखा राशन

स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मिड डे मील दिया जाता है। शिक्षा विभाग फैसले के मुताबिक मिड डे मील भी घर पर ही मिलेगा। इसके लिए स्कूल स्टाफ बच्चों के घर जाकर मिड डे मील बांटेगा। साथ ही राशन पकाई के पैसे बच्चों के खाते में डलवाएं जाएंगे। इस बावत शिक्षा निदेशक मौलिक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए हैं। यह काम भी 31 मार्च तक पूरा किया जाना है। इसके बाद इसी दिन शाम पांच बजे तक विभाग को रिपोर्ट प्रेषित करनी होगी।

ये मिलेगी राशि

स्कूलों में प्राइमरी कक्षा के बच्चों को 4.97 रुपये प्रतिदिन व अपर प्राइमरी के लिए 7.45 रुपये प्रति विद्यार्थी दी जाती है। इसी के साथ सूखा राशन के अतिरिक्त प्राइमरी व अपर प्राइमरी के बच्चों मिल्क पाउडर भी दिया जाएगा। प्राइमरी के प्रत्येक बच्चे को पांच किलो 50 ग्राम गेहूं तथा चार किलो 50 ग्राम चावल उपलब्ध करवाए जाएंगे। वहीं राशन पकाने के 44 रुपये 80 पैसे भी बच्चे के खाते में जमा करवाने होंगे। इसी तरह मिडिल के बच्चों को प्रति छात्र आठ किलो 25 ग्राम गेहूं तथा छह किलो 75 ग्राम चावल देने होंगे। 67.1 रुपये राशन पकाने का शुल्क खाते में जमा करवाना होगा। राशन बंद पैकेट में ही बच्चों को वितरण करना होगा।

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