नेहा बनी हौसले की मिसाल, जिंदादिली से कर रही कैंसर की बीमारी का सामना

Fazilka News
डिप्टी कमिश्नर डॉ. सेनू दुग्गल के साथ नेहा।

अपने हुनर के साथ घर चलाने में करती है मां की मदद | Fazilka News

  • पढ़ाई भी कर रही है साथ-साथ

फाजिल्का (सच कहूँ/रजनीश रवि)। फाजिल्का जिले की बीकानेरी रोड की जैन स्कूल वाली गली की नेहा रानी (Neha Rani) हौसले की मिसाल बनकर दिखाया है। वह जिंदादिली के साथ कैंसर की बीमारी का इलाज करवा रही है। उसने इस बीमारी को बोझ नहीं बनने दिया, बल्कि अपने हुनर के साथ घर चलाने में अपनी मां की मदद कर रही है। इसके साथ अपनी पढ़ाई भी लगातार जारी रखे है। Fazilka News

नेहा बोनमैरो कैंसर से पीड़ित है। वह अपनी कशीदाकारी के हुनर के साथ अपने आप को हमेशा काम में व्यस्त रखती है। वह जिंदादिली और हौंसले के साथ बीमारी को मात देने के पक्के और दृढ़ इरादे के साथ जीवन में आगे बढ़ रही है। वह डिप्टी कमिश्नर डॉ. सेनू दुग्गल को मिलने के लिए उन के दफ्तर गई, जहां डिप्टी कमिश्नर ने भी उनका हौसला बढ़ाया। नेहा पत्र व्यवहार के द्वारा पंजाब यूनिवर्सिटी से बीए कर रही है और तीसरे साल की छात्रा है। उसने बीमारी को अपने मन और शरीर पर बोझ नहीं बनने दिया, बल्कि अपने हुनर के साथ वह जीवन की कठिनाइयों को हल करने में लगी हुई है। नेहा क्रोशिए के साथ ऊन की वस्तुएं बनाती है। इसी तरह हाथों के साथ सेवियां बनाने का कार्य भी वह करती है।

पुरानी अखबारों के लिफाफे बना कर भी बेचती है। इसके अलावा वह पार्लर का काम भी जानती है और कंप्यूटर में भी महारत रखती है। वह तार वाली कुर्सियों की बुनाई का काम भी करती है। इस तरह की कोशिशों के साथ जो आमदन होती है, उससे वह घर चलाने में मां की मदद भी करती है, ताकि इलाज का खर्च महंगा न हो। वह अपनी मां के साथ अकेली रहती है। इतनी मेहनत के साथ भी बीमारी के इलाज और घर के खर्च-पढ़ाई के प्रबंध के लिए इन कार्यों के साथ पूरी नहीं पड़ती। वह पढ़-लिख कर कोई स्थान हासिल करना चाहती है, परंतु आर्थिकता रोड़ा बन रही है। नेहा रानी ने किसी दानवीर से उनकी मदद करने की अपील करते हुए कहा कि सीधे उसके बैंक खाते में कर सकता है। Fazilka News

यह भी पढ़ें:– Fake GST: फर्जी जीएसटी पंजीयन, विभाग कस रहा शिकंजा