कोरोना पर स्वास्थ्य मंत्री के बयान को पर्याप्त जगह नहीं: नायडू

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Coronavirus | डा. हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति के बारे में सदन में दिया बयान

नई दिल्ली (एजेंसी)। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में कोरोना वायरस (Coronavirus)पर स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के बयान से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार को मीडिया में पर्याप्त जगह न दिये जाने पर आज चिंता व्यक्त की और उम्मीद जतायी कि भविष्य में मीडिया महत्वपूर्ण विषयों को उचित कवरेज देगा। नायडू ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कहा कि डा. हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस(Coronavirus) से उत्पन्न स्थिति के बारे में सदन में गुरूवार को महत्वपूर्ण बयान दिया था। उन्होंने इस बारे में नेता विपक्ष के साथ सलाह भी की थी और अन्य सदस्यों ने भी इस बारे में सुझाव दिये थे।

सभापति ने कहा कि मीडिया ने देश के लोगों के स्वास्थ्य से जुडे इस महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान केन्द्रीत नहीं किया और इसे पर्याप्त कवरेज नहीं मिली। मीडिया का ध्यान सनसनीखेज हैडलाइनों पर होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि भविष्य में मीडिया इस पर ध्यान देगा और महत्वपूर्ण विषयों को कवरेज देगा। सभापति ने दिल्ली में हिंसा के मुद्दे पर चर्चा कराने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बने गतिरोध पर टिप्पणी करते हुए सदस्यों से अपील की कि वे सकारात्मक चर्चा में शामिल हों जिससे सदन सुचारू ढंग से चल सके। उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष दोनों को बातचीत के जरिये सहमति बनानी चाहिए। सदन में गतिरोध का उल्लेख करते हुए नायडू ने कहा कि समूचा देश सदन में अव्यवस्था की स्थिति को देख रहा है और सदस्यों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि सदन सुचारू ढंग से चले।

हँगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

दिल्ली हिंसा के मद्देनजर गृह मंत्री के इस्तीफे और प्रधानमंत्री के बयान की माँग को लेकर विपक्ष के हँगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न 12.45 बजे जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विपक्षी दल कांग्रेस का हँगामा पहले की तरह जारी रहा। उसके सदस्य नारे लगाते हुए हाथों में पोस्टर लिए अध्यक्ष के आसन के करीब पहुँच गए। उन्होंने अपनी बाहों पर काली पट्टी बाँध रखी थी। हँगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक को विचारार्थ पेश किया। विधेयक को बिना चर्चा के ही ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस पर सरकार के सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।

 

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