अंगदान बढ़ाने को प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में बनेगी ऑर्गन ट्रांसप्लांट कमेटी

Organ Transplant

जयपुर। प्रदेश में अंगदान को बढ़ावा देने एवम् ऑर्गन ट्रांसप्लांट (Organ Transplant) संबंधी सेटअप सहित अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के सम्पादन हेतु प्रत्येक राजकीय मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन ट्रांसप्लांट समितियां बनायी जाएगी। इन समितियों में अंगदान के क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं को भी शामिल किया जाएगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शुभ्रा सिंह ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट एवं कॉर्नियां ट्रांसप्लांट के संबंध में बुधवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजकीय अस्पतालों में सम्पादित हुए ऑर्गन डोनेशन के बाद प्राप्तकर्ता की एक वर्ष तक सभी प्रकार की फोलोअप जांचें निःशुल्क किए जाएंगे। इन फोलोअप जांचों पर होने वाले व्यय का वहन संबंधित आरएमआरएस के माध्यम से किया जाएगा।

शुभ्रा सिंह ने कहा कि स्टेट ऑर्गन एवं टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाईजेशन (सोटो) संबंधित चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक वार्षिक कैलेंडर जारी करेगा। इस कैलेंडर के तहत वर्तमान में संचालित सभी मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत व अन्य चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि नवीनतम जानकारी मिल सके। साथ ही उन्होंने एसएमएस अस्पताल में क्रिटिकल केयर, एनेस्थीसिया एवं ऑर्गन ट्रांसप्लांट का एक अलग से विभाग पुनः शुरू करने की कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने नेत्रदान को बढ़ावा देने हेतु एसएमएस मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष को कैरेटोप्लास्टी प्रशिक्षण अगस्त माह में शुरू करने के लिए निर्देश दिए। अन्य मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षित चिकित्सक दूसरे चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। उन्होंने नेत्रदान एवं अंगदान को बढ़ावा देने के लिये आठवीं कक्षा में इस विषय को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, संयुक्त कार्यकारी अधिकारी, स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी डॉ. गौरव सैनी, आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष बी.एल. शर्मा, उपाध्यक्ष कपिल गर्ग, सचिव ललित कोठारी, सोटो के डॉ. अमरजीत मेहता, संयुक्त निदेशक अंधता निवारण डॉ. सुनील सिंह, एवं मोहन फाउंडेशन के प्रतिनिधिगण भी मौजूद थे।

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