तीसरी लहर से बचने की तैयारी: अस्पतालों में बच्चों के वार्ड बढ़ाने में जुटी सरकार

Manohar lal khattar sachkahoon

प्रदेश में अब बैड और ऑक्सीजन पर्याप्त, घट रहे हैं एक्टिव कोरोना मरीज

चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के दृष्टिगत हम पूरी तरह से अलर्ट हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बच्चों के वार्ड बढाए जाने के लिए कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह बात एक वेबिनार में भाग लेते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस महामारी की दूसरी लहर के दौरान कुछ दिक्कतें आई जिन्हें दूर कर लिया गया है।

अब प्रदेश में बेड और ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है। प्रदेश में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या भी लगातार घट रही है। साथ ही नए मामले भी रोज कम हो रहे हैं। जहां प्रतिदिन नए मामलों की सख्ंया 16 हजार तक पहुंच गई थी, वहीं अब यह संख्या लगभग 3500 पर आ गई है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही महामारी पर काबू पा लेंगे। ब्लैक फंगस, सांस की बीमारी, फेफड़ों की बीमारी आदि अन्य पोस्ट कोविड इफेक्ट के दृष्टिगत भी हम पूरी तरह से तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि विभिन्न माध्यमों से जिस प्रकार तीसरी लहर की आशंका जताते हुए कुछ लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि उसमें बच्चों पर ज्यादा असर होगा, उसके दृष्टिगत सरकार पूरी तरह से अलर्ट हैं। इसके लिए बच्चों के वार्ड और जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

विपक्ष का सकारात्मक सहयोग के लिए खुले मन से स्वागत: मनोहर लाल

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विपक्षी दल इस संकट काल में भी राजनीति चमकाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि विपक्षी दल इस महामारी को हराने में सकारात्मक सहयोग के लिए आगे आते हैं तो उनका खुले मन से स्वागत है। यह समय साथ मिलकर महामारी से लड़ने का है ना कि राजनीति चमकाने का। उन्होंने कहा कि विपक्ष भय का वातावरण बनाने की बजाय सकारात्मक सहयोग करे।

किसानों से आन्दोलन खत्म करने की अपील

मुख्यमंत्री ने आन्दोलनरत किसानों से कहा कि यह समय साथ मिलकर लडने का है न कि केवल राजनीतिक कारण से विरोध करने का। उन्होंने किसान नेताओं से आन्दोलन खत्म करने की अपील करते हुए वेक्सिनेशन और टेस्टिंग के लिए आहवान करने को भी कहा। साथ ही कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति अविश्वास करना ठीक नहीं है। हर बात में राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम मानकर चलते हैं कि हिंसा ना हो और वातावरण न बिगड़े। आन्दोलन तो महामारी के समाप्त होने के बाद फिर भी किया जा सकता है।

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