….जब पूज्य गुरु जी ने तेंदुए से बचाई डेरा श्रद्धालु की जिन्दगी

Ruhani Karishma Dera Sacha Sauda sirsa

आनलाइन गुरुकुल के माध्यम से कोटा के सेवादार राम विलास इन्सां ने पूज्य गुरु जी से सांझा किया रहमतों का करिश्मा

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बेव डेस्क विजय शर्मा
कोटा (सच कहूँ न्यूज)। रविवार को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से रूहानी सत्संग फरमाया और बड़ी संख्या में लोगों की बुराइयां व नशा छुड़वा रामनाम से जोड़ा। (Ruhani Karishma Dera Sacha Sauda sirsa) इस दौरान पूज्य गुरु जी शाह सतनाम जी दयापुर धाम, कोटा (राजस्थान) की साध-संगत से रूबरू हुए। इस शुभ अवसर पर आप जी के भजन केसरियां ओ म्हारा केसरियां…पर राजस्थान की साध-संगत जमकर झूमी। सेवादारों द्वारा बनाई गई मनमोहक रंगोली जिसमें लिखा था ‘एमएसजी वेल्कम टू कोटा’ आकर्षण का केन्द्र रही। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने राजस्थानी पहनावे में सजी साध-संगत को अपने पावन आशीर्वाद से नवाजा। पूज्य गुरु जी ने इस दौरान फरमाया कि हमारे बेटे-बेटियों ने कमाल कर रखा है, वाह क्या! पारम्परिक वेशभूषा है सुंदर पगड़ियों पहने हुए हमारे बच्चे बहुत सुंदर लग रहे हैं।

तेंदुए ने मेरे कपड़े फाट दिये थे, मुझे लहू लुहान कर दिया था, खून बह रहा था

इस मौके पर शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सदस्य राम विलास इन्सां (कोटा) ने पूज्य गुरु जी की रहमतों का करिश्मा सुनाते हुए कहा कि आप जी के वचनों अनुसार मैं रोजाना छत पर दाना डालने जाता हूँ परिंदों को सुबह। तो 5 नंवबर की बात है मैं सुबह सात बजे के लगभग दाना डालने छत पर गया तो, मेरी छत पर जंगली तेंदुआ बैठा था, वो मुझ से लगभग 10 फीट की दूरी पर था, पिता जी, वो इतनी स्पीड से मेरी तरफ झपटा और मुझ पर अटैक कर दिया और मुझे बुरी तरह से जख्मी कर दिया। मुझे चारों तरफ से तेंदुए ने लहू लुहान कर दिया। मैं जान बचाने के लिए अपनी छत से कूद कर पड़ोसी की छत पर जा पहुंचा, तो वो मेरे पीछे वहां पर भी आ गया। और उसने वहां पर भी मुझे जकड़ लिया और घायल कर दिया।

पिता जी, आप खुद वहां आकर खड़े हो गये, और इसके
बाद मैंने उसे ललकारा तो तेदुंआ वहां से भाग

मेरे कपड़े फट चुके थे, खून बह रहा था, इतने में पिता जी, आप खुद वहां आकर खड़े हो गये, और इसके बाद मैंने उसे ललकारा तो तेदुंआ वहां से भाग गया मुझे छोड़कर। इस पर पूज्य गुरु जी ने उक्त सेवादार को आशीर्वाद देते हुए वचन फरमाये कि बेटा ये तो राम जी आएं हैं खुद, वो किस रूप में आते हैं ये तो उसकी कृपा है। आप के साथ जो हुआ है वो या तो आप जानते हैं या राम जानता है दूसरों के लिए तो किस्से, कहानियां हैं। तो तेदुंआ आ जाए और वो ऐसे अटैक कर दे, और गला न पकड़े ऐसा होता नहीं, तो आपके हाथ पर ही बात टल गई, और आपने इतनी हिम्मत से ललकारा और भगा दिया। तो ये राम जी ने हिम्मत दी, जो इतना होने के बाद भी आपने उसे ललकारा। तो ये राम जानते हैं। इस जिन्दगी को और अच्छे कामों में लगाना बेटा, और आपको बहुत आशीर्वाद।

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