रोष: सरसों खरीद की साइट बंद, फूटा किसानों का गुस्सा

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 लघु सचिवालय पर किया प्रदर्शन

गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा)। राज्य की खट्टर सरकार बेशक(site-of-mustard-purchase-off-anger-of-farmers) किसान हितैषी होने के लाख दावे करें, लेकिन स्थितियां इसके बिल्कुल विपरित देखी जा रही हैं। सरसों उत्पादक किसान अपनी फसल की सरकारी खरीद नहीं होने से बेहद परेशान हैं। साइट बंद हो चुकी है। इसलिए उनकी परेशानी और बढ़ गई है। मंगलवार को किसानों ने यहां पटौदी लघु सचिवालय पर प्रदर्शन करके मांग की कि साइट को खोला जाये और सरसों की खरीद की जाये।

इससे पूर्व किसानों के द्वारा जाटौली अनाजमंडी में सरसों की खरीद नहीं होने से पटौदी-कुलाना सड़क मार्ग को करीब पांच घंटे तक जाम किया गया था। मौके पर पहुंचे तहसीलदार रविंद्र मलिक और पटौदी थाना प्रभारी ने उच्चाधिकारियों के हवाले से किसानों को आश्वासन दिया कि सोमवार को सरसों की खरीद की जाएगी। सोमवार को भी सरसों की खरीद नहीं होने का मामला भारतीय किसान संघ के प्रदेशाध्यक्ष के संज्ञान में लाया गया।

इसके बाद मंगलवार को पीड़ित और प्रभावित किसान, किसान नेता ओम सिंह और एंटी करप्शन फाउंडेशन के राष्ट्रीय निदेशक सुरेंद्र के साथ जाटौली अनाजमंडी से ही पैदल चलकर नारेबाजी करते हुए पटौदी लघु सचिवालय पहुंचे। यहां मालूम हुआ कि चुनाव में ड्यूटी के कारण तहसील के और मार्केटिंग बोर्ड के अधिकांश अधिकारी/कर्मचारी छुट्टी पर हैं। इससे किसानों का गुस्सा और भी भड़क गया तथा वहीं लघु सचिवालय में सरसों खरीद के लिए झूठा आश्वासन देने वाले अधिकारियों सहित सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

इस मौके पर पंचगांव के मुख्तयार सिंह, सिधरावली के राकेश, मनोज, महिपाल, रामोतार, राठीवास के संदीप, नरसिंह, जय भगवान, बिलासपुर के जीत सिंह, रामफल, रमेश, पड़ासौली के इंद्रपाल, वेद प्रकाश, हंसराज, कपिल, रामकृष्ण, बिनौला के बहादुर, राम कुमार, बोहड़ाखुर्द के चरण सिंह, धर्म सिंह, मनजीत, जयपाल सहित अन्य भी मौजूद रहे। किसानों का कहना था कि नेताओं ने अपने लिए वोट हथियाने के लिए बार-बार भरोसा दिलाया, सरकार ने भी दावा किया कि किसानों की सरसों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा।

गेट पास बनने हुए बंद

पटौदी मार्केट कमेटी के अधिकारी सतप्रकाश के मुताबिक मार्केटिंग बोर्ड की साइट ही काम नहीं कर रही है। खरीद के लिए किसानों का आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ ही आनलाइन ही गेट पास भी बनता है। गेट पास बनने के बाद में संबंधित किसान की सरसों की खरीद की जा रही है। ऐसे में बिना गेट पास के किसान की फसल की खरीद किया जाना संभव नहीं है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।

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