मृत शरीर पर लखनऊ मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी करेंगे रिसर्च

Body-Donation

मरकर भी इंसानियत के काम आएंगे परमानंद इन्सां

(Body Donation)

फतेहाबाद (सच कहूँ न्यूज)। लेकर कहां कुछ वापिस जाना है, यह शरीर भी अब दान है, यह शरीर भी अब दान है…। जी हां इन्हीं पंक्तियों को वास्तविक अर्थों में चरितार्थ कर दिखाया है ब्लॉक फतेहाबाद लाजपत नगर निवासी परमानंद (80) ने मरणोपरांत शरीर दान कर। उनके मरणोपरांत उनके परिजनों ने उनकी पार्थिव देह को मेडिकल रिसर्च हेतु लखनऊ मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया। जहां अब मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी मृतक देह पर विभिन्न बीमारियों पर शोध करेंगे। इस दौरान शहर के अनेक गणमान्य लोगों ने सचखंडवासी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। ब्लॉक फतेहाबाद लाजपत निवासी डेरा श्रद्धालु परमानंद (80) पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। रविवार वह अपनी सांसारिक यात्रा पूरी करके कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजे।

उन्होंने जीते-जी मरणोपरांत शरीरदान करने का लिखित में संकल्प लिया हुआ था। इसके पश्चात उनके पुत्र लेखराज इन्सां ने ब्लॉक फतेहाबाद के जिम्मेवारों से सम्पर्क कर स्वेच्छा से अपने पिता की मृत देह मेडिकल कॉलेज को दान कर दी। वहीं इससे पूर्व सचखंडवासी के निवास से वेनती का शब्द बोलकर उनकी पार्थिव देह को फूलों से सजी एंबुलेंस में रख कर शव यात्रा निकालते लाया गया। इस दौरान उपस्थित शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सैंकड़ों महिला एवं पुरुष सेवादारों ने ‘शरीरदानी अमर रहेझ् के नारे लगाए। इस अवसर सचखंड वासी के परिजन, जिम्मेवार लक्ष्मण अरोडा, भंगीदास कपिल गोवर, हेमंत, जयगोपाल, बहन मंजू, सुनीता, ललिता, सुनीता छाबडा सहित अनेक गणमान्य लोग मोजूद थे।

बेटी ने दिया अर्थी को कंधा

अंतिम विदाई के अवसर पर सचखंडवासी के निवास स्थान से उनकी बेटी सरोज ने डेरा सच्चा सौदा की मुहिम बेटा-बेटी एक सम्मान का अनुसरण करते हुए अर्थी को कंधा देते हुए उनकी पार्थिव देह को फूलों से सजी एंबुलेंस तक पहुंचाया।

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