दिल्ली में दमघोंटू प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

Supreme Court

दो दिन के लॉकडाउन का दिया सुझाव

नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के चलते मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी बीच शनिवार को देश की शीर्ष अदालत इस मुद्दे पर सरकारी हीलाहवाली पर नाराज नजर आई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए केन्द्र सरकार को फटकार लगाई। साथ ही कोर्ट ने सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल उपाय के तौर पर दो दिन का लॉकडाउन लगाने की सलाह भी दी। सीजेआई एन.वी. रमन्ना ने केन्द्र सरकार को फटकार लगाते हुए कि आप अकेले किसानों को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लेकिन यह सिर्फ 40% है। दिल्ली के लोगों पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए आपने क्या कदम उठाए? वाहन से फैलने वाले प्रदूषण और पटाखों को लेकर क्या?

सुनवाई शुरू होने के बाद दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील राहुल मेहरा ने हलफनामे में देरी के लिए पीठ से क्षमा मांगी। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि कोई बात नहीं। कम से कम कुछ सोच तो है। वहीं, केन्द्र सरकार की तरफ से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने भी डिटेल हलफनामा दाखिल कर दिया है।

‘प्रदूषण का स्तर बेहद खराब, लोग घरों में मास्क लगा रहे’

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर पर चिंता जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील तुषार मेहता से कहा कि प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है। लोग अपने घरों में मास्क लगा कर बैठ रहे हैं। केन्द्र सरकार की तरफ से प्रदूषण को रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए?

मैं भी किसान हूं : जस्टिस सूर्यकांत

मुख्य न्यायाधीश रमन्ना ने केन्द्र सरकार से कहा कि हालात किस कद्र बिगड़े हुए हैं, क्या आपको पता है? पराली जलाने से हालात खराब हुए हैं। इसे रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है। इस पर तुषार मेहता ने बताया कि केन्द्र सब्सिडी पर मशीनें दे रही है। जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि इनका रेट क्या है? मैं किसान हूँ, सीजेआई भी किसान हैं। हम जानते हैं कि क्या होता है? इस पर तुषार मेहता ने कहा कि 80% सब्सिडी जी जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केंद्र किसानों से पराली लेकर उद्योगों को क्यों नहीं देता? कोर्ट ने केंद्र से हरियाणा में बायो डिकमपोजर इस्तेमाल करने वाले किसानों और जमीन का प्रतिशत पूछा? केंद्र की ओर से आंकड़े पेश किए गए।

दुनिया के टॉप टेन प्रदूषित शहर

1. दिल्ली, भारत (एक्यूआई: 556)
2. लाहौर, पाकिस्तान (एक्यूआई: 354)
3. सोफिया, बुल्गारिया (एक्यूआई: 178)
4. कोलकाता, भारत (एक्यूआई: 177)
5. जाग्रेब, क्रोएशिया (एक्यूआई: 173)
6. मुंबई, भारत (एक्यूआई: 169)
7. बेलग्रेड, सर्बिया (एक्यूआई: 165)
8. चेंगदू, चीन (एक्यूआई: 165)
9. स्कोप्जे, उत्तरी मैसेडोनिया (एक्यूआई: 164)
10. क्राको, पोलैंड (एक्यूआई: 160)

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