हरियाणा के 16 जिलों में आज हो सकती है भारी बारिश

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Weather Update News: आज भी बारिश के साथ ओलावृष्टि की चेतावनी

मॉनसून की दस्तक से होगा जुलाई माह का स्वागत | Haryana Weather

  • भारत मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया

हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। दक्षिण पश्चिम मॉनसून का इंतजार कर रहे हरियाणा में वीरवार को भारी बारिश हो सकती है। भारत मौसम (India Weather) विभाग के हरियाणा के लिए जारी किए गए 5 दिनों के वर्षा पूर्वानुमान में 29 जून यानी बुधवार को 16 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन 16 दिनों में दक्षिण व दक्षिण पूर्व हरियाणा के महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत तथा पश्चिम व दक्षिण पश्चिम हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी व चरखी दादरी शामिल है। Haryana Weather

इसके अलावा उत्तरी हरियाणा के चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल व कैथल में भी कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। भारत मौसम विभाग के चंडीगढ़ मौसम केंद्र के मौसम बुलेटिन के अनुसार अगले चार-पांच दिनों के दौरान हरियाणा राज्य के अधिकतर जिलों में अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। इस दौरान अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहेगा। वही बारिश होने के बावजूद भी हिसार के बालसमंद में उमस भरी गर्मी के कारण दिन का अधिकतम तापमान 36.9 डिग्री सेल्सियस तक बना रहा। Haryana Weather

मॉनसून के लिए अभी 3 दिन करना होगा इंतजार

भारत मौसम विभाग के मौसम बुलेटिन के अनुसार हरियाणा, राजस्थान व पंजाब में अगले दो-तीन दिनों में मानसून के सक्रिय होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार 28 जून को दक्षिण पश्चिम मानसून उत्तरी अरब सागर के शेष हिस्सों और राजस्थान के कुछ हिस्सों की ओर आगे बढ़ गया। मॉनसून की उत्तरी सीमा बीकानेर,नारनौल, फिरोजपुर से होकर गुजरती है। यही एक सबसे बड़ी वजह है कि हरियाणा में मॉनसून के आने में अभी 2 से 3 दिन लग सकते हैं। पूर्व

पश्चिम ट्रैफ अब उत्तर पश्चिमी राजस्थान से उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक, उत्तर पूर्व राजस्थान, उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तर पूर्व मध्य प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्र, दक्षिणी झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल पर निम्न दबाव क्षेत्र तक चल रहा है। वर्तमान में मानसूनी हवाएं औसतन रूप से समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ अब एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में जम्मू कश्मीर के ऊपर समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर तक स्थित है। यही वजह है कि वर्तमान में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही है।

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