बेबसी: 21वीं सदी में भी मजदूरों की स्थिति क्यों नहीं बदली

Labourer in 21st Century

महाराष्ट्र में 2 माह से बंधक 19 मजदूरों को कराया मुक्त

दमोह (एजेंसी)। आज हम 21वीं सदी में आ गए है लेकिन मजदूरों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। सरकार के प्रयास के बाद भी मजदूरों को बंधक बनाने के मामले बंद नहीं हो रहे हैं। ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के दमोह जिले के 5 बच्चों सहित 14 मजदूरों को मजदूरी के नाम पर महाराष्ट्र में 45 दिन से बंधक बनाए रखने के मामले में जिला प्रशासन ने सक्रियता के साथ कार्यवाही करते हुए उन्हें ठेकेदार के चंगुल से मुक्त कराया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार दमोह जिले कि बटियागढ़ तहसील के आलमपुर गांव के निवासी इन मजदूरों को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में बंधक बनाकर मजदूरी कराई जा रही थी। इन मजदूरों से 20 घंटे तक कार्य कराया जा रहा था और उन्हें मजदूरी भी नहीं दी जा रही थी तथा खाना भी पर्याप्त मात्रा में नहीं दिया जा रहा था। कुछ कहने पर मजदूरों से मारपीट भी की जाती थी।

पुलिस ने आरोपी पर 8 धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया

इसकी जानकारी कलेक्टर तरुण राठी को लगने पर उन्होंने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की टीम बनाकर इन मजदूरों को मुक्त कराने के लिए उन्हें कोल्हापुर भेजा था। जहां से महाराष्ट्र सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से इन मजदूरों को मुक्त कराया गया। मजदूरों ने बताया है कि उन्होंने 45 दिनों तक काम किया है, लेकिन मजदूरी नही मिली है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी ठेकेदार बाबा सैयद पर 8 धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है। मजदूरों ने दमोह आकर जिला प्रशासन का आभार जताया है। कलेक्टर तरुण राठी द्वारा तत्काल ही गई कार्यवाही पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कलेक्टर और जिला प्रशासन की तारीफ की है।

 

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