पराली जलाने वालों की जमीन की नहीं होगी रेड एंट्री : कृषि मंत्री

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने के मामलों में 30 प्रतिशत की आई कमी

  • पराली जलाने वाले किसानों की जमीन की रेड एंट्री के मामलों को वापस लेने के आदेश जारी किए

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि पंजाब सरकार किसी भी किसान का नुकसान नहीं होने देगी। धालीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पराली जलाने वाले किसानों की जमीन की रेड एंट्री के मामलों को वापस लेने के आदेश जारी किए गए हैं और इस संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। एनजीटी की हिदायतों पर चार अक्टूबर, 2022 को जारी किए गए पत्र में पराली जलाने के मामले में संबंधित जमीन के राजस्व रिकार्ड के खसरा नंबर के विरुद्ध लाल इंदराज (रेड एंट्री) करने के आदेश को वापस ले लिया गया है। जिसे लेकर संबंधित अधिकारियों को हिदायतें जारी कर दी गई हैं।

धालीवाल ने कहा कि जमीनों के रिकार्ड में रेड एंट्री होना राज्य के किसानों के हित में नहीं है। इससे किसान लोन, सरकारी सुविधाएं और सब्सिडियां आदि लेने से वंचित हो जाता है। उन्होंने पराली प्रबंधन के लिए वैकल्पिक तरीके अपनाने की जरुरत पर जोर देते हुए कहा कि किसानों को भी पराली या अन्य फसलों के अवशेष जलाने के बाद होने वाले नुकसान से बचना चाहिए।

किसान ऐसी कोशिशों में सरकार का साथ दें। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने पूसा नामक बायो-एन्जाइम के रुप में पराली निस्तारण के लिए समाधान खोजा है। इसके छिड़काव से 20-25 दिनों में पराली नष्ट होकर खाद में बदल जाती है। जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में और सुधार आता है। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही इस मुद्दे पर गंभीर है। चालू वर्ष में अब तक किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए 19,393 मशीनें सब्सिडी पर दी जा चुकी हैं, जबकि पिछले चार वर्ष में किसानों को 90,433 मशीनें दी गई थीं। राज्य के किसानों के पास कुल 1,09,815 मशीनें उपलब्ध हैं।

सैटेलाईट जानकारी के अनुसार इस बार कम जली पराली

धालीवाल ने कहा कि 26 नवंबर, 2022 की सैटेलाइट जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पराली जलाने के मामलों में 30 प्रतिशत की कमी आई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार किसानों को पराली प्रबंधन पर आने वाले खर्च के बराबर सहायता दे तो इस समस्या से स्थायी तौर पर निजात पाना संभव हो सकेगा।

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