सरसा (एम के शायना)। डेरा सच्चा सौदा सरसा में पावन महापरोपकार दिवस पर देश-विदेश से साध-संगत ने शिरकत की। पंडाल साध-संगत से खचाखच भरे हुए थे। साध-संगत इतनी बड़ी तादाद में पहुंची कि साध-संगत के प्रेम के आगे सारे इंतजाम बोने रह गए। इस दौरान सच कहूँ से बातचीत करते हुए दूर-दराज़ से आए डेरा श्रद्धालुओं ने अपने अनुभव कुछ इस प्रकार सांझा किए….
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आज का दिन हमारे अति भाग्यवाला है। क्योंकि आज के दिन उन्हें अपने गुरु मिले थे। पूज्य गुरु जी की ही शिक्षा पर चलते हुए आज के दिन को हम मानवता भलाई के कार्य कर मनाते है। जिसकी शुरूआत आज उन्होंने पोधा लगाकर की है। हम हर महीने पौधे लगाते हैं ताकि किसी की आक्सीजन की कमी से मौत न हो। उन्होंने कहा कि जीवन जीने का तरीका उन्हें गुरु जी ने सिखाया है। आज की विशाल नामचर्चा में साध-संगत का भारी इक्कठ देखकर मेरा मन गदगद हो उठा।
अंजू बजाज डबवाली
बचपन से लेकर आज तक उन्होंने जो कुछ सीखा है, वह पूज्य गुरु जी से ही सीखा है। पूज्य गुरु जी ने सिखाया है कि लोगों का भला करके, समाज का सुधार करके और रक्तदान सहित 142 मानवता भलाई के कार्य करके विशेष दिनों को मनाना चाहिए। महापरोपकार माह की खुशी में उसने आज डेरा सच्चा सौदा में जरूरतमंदों को राशन वितरित किया गया है। नामचर्चा के उपरांत साध-संगत ने हाथ खड़े करके एकता में रहने प्रण लिया और सतगुरु के रास्ते दिखाए गए रास्ते पर दृढ़ता से चलने का निश्चय किया।
प्रीतिका मनी, भीखी मानसा
मैं अपने आप को भाग्यशाली समझती हूँ कि मुझे आज के इस पावन महापरोपकार दिवस पर डेरा सच्चा सौदा आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर चलते हुए न्यूजीलैंड के साथ संगत लगातार मानवता भलाई के कार्यों में आगे रही है वह लगातार रक्तदान करते हैं। रक्तदान करके अंदर से असीम शांति मिलती है। मैं पूज्य गुरु जी से अरदास करती हूं कि न्यूजीलैंड को भी आपकी बहुत जरूरत है। हम आपका न्यूजीलैंड आने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
अमनजोत आॅकलैंड, न्यूजीलैंड
मैं और मेरा परिवार सन 2000 से डेरा सच्चा सौदा से जुड़े हुए है। पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए सिंगापुर की साध संगत पेड़ लगाने और रक्तदान में हमेशा मोहरी रहती है। पूज्य गुरु जी की शिक्षा का ही कमाल है कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी कोई भी विशेष दिन परोपकार करके व दूसरों की भलाई करके मनाते हैं। आज के इस पावन दिन पर जो जरूरतमंदों को राशन वितरित किया गया है वह काबिले तारीफ है। पूज्य गुरु जी से अरदास करते हैं कि वह जल्दी परमानेंट सरसा दरबार पधारें और मानवता भलाई के कार्यों को और गति दें।
रुपाली इन्सां, सिंगापुर
23 सितंबर का दिन हमारे लिए अति पूजनीय है। इस दिन पूज्य गुरु जी को तीसरी पातशाही के रूप में डेरा सच्चा सौदा की बागडोर सौंपी गई थी। पूज्य गुरु जी के पावन गुरुगद्दीनशीनी दिवस की खुशी में मैने आज 2 जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित किया है। पूज्य गुरु जी ने हमें सिखाया है दूसरों के काम आना चाहिए।
अमानत इन्सां लुधियाना
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