क्या भारत बंद से सरकार झुकेगी?

Will the government bow down to Bharat bandh?

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है। आपकों बता दें कि सरकार और किसान के बीच गतिरोध बरकरार है। अब सवाल यह उठता है कि भारत बंद से क्या सरकार झुकेगी? जबकि सरकार ने सपष्ट कर दिया है कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे। शुक्रवार आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद के तहत ऐतिहासिक बंद होने जा रहा है।

यह जानकारी किसान मजदूरों के नेता रामचंद्र सिंह ने कहा कि देश में चल रहे खेती विरोधी कानूनों को रद्द करवाने के लिए बिजली बिल 2020 रद्द करवाने के लिए लेबर कोड रद्द करवाने के लिए 26 मार्च को ऐतिहासिक बंद होगा। रामचन्द्र ने रतिया इलाके की जानकारी देते हुए बताया कि देश के बड़े पूंजीपति घरानों के खिलाफ निजी करण के खिलाफ मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जनता में व्यापक आक्रोश फैल चुका है इस बंद को भरपूर समर्थन मिल रहा है।

देश भर के किसान इस भारत बंद में शामिल होंगे। इस दौरान दुकानों, बाजारों और सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखा जाएगा। शुक्रवार (26 मार्च) को सुबह 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक भारत बंद किया जाएगा। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर अड़े किसान आज पूरे देश में भारत बंद करेंगे। इस दौरान दुकानों, बाजार, व्यापारिक संगठन आदि को बंद रखने का ऐलान किया गया है।

हालांकि, इसमें व्यापारी संगठन पूर्ण भागीदारी देंगे या नहीं इसको लेकर संशय बना हुआ है। व्यापारी इस भारत बंद में शामिल होंगे या नहीं, यह उन पर निर्भर है। रतिया क्षेत्र की जनता आज सुबह संजय गांधी चौक पर इकट्ठी होगी, जिसमें सभी दुकानदार, व्यापारी, रेहड़ी चालक, रिक्शा चालक, किसान-मजदूर सभी बंद को सफल करने के लिए प्रदर्शन करेंगे।

रामचन्द्र ने रतिया के कार्यालय में किसान मजदूरों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अपने-अपने सभी गांवों में भारत बंद को कामयाब करने के लिए अनाउसमैटं करवाएं तथा देश में चल रहे आंदोलन को मजबूत करने के लिए दिल्ली के चारों तरफ बैठे कमेरा वर्ग की मदद के लिए दिन रात एक कर दें उन्होंने कहा कि यह लड़ाई निश्चित तौर पर जीत की तरफ तेजी से बढ़ रही है।

इसलिए विश्व स्तरीय साम्राज्यवादी ताकतें इस आंदोलन को दबाने के लिए तरह-तरह की चालें चलने की कोशिश भी कर रही हैं उन चालों को ना कामयाब होने के लिए सचेत रूप से हमें संगठित होकर आवाज उठानी होगी। इस मौके पर अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के प्रधान प्रभु फुला अखिल भारतीय किसान सभा के नेता जगदीश फुला, महेंद्र सिंह फुला, भोला सिंह नागपुर, मिलख राज अजीत नगर, मंगतराम सहनाल, बलजीत सिंह लाली, वीर सिंह महमदपुर सौतर इत्यादि शामिल थे।

क्या-क्या रहेगा बंद

किसानों के इस 12 घंटे के भारत बंद के दौरान देश भर की दुकानों, बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आह्वान किया है। सभी तरह की दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। इस दौरान दूध और डेयरी के उत्पादों की डिलीवरी को लेकर समस्या आ सकती है। ऐसे में अगर आप रोज दूध और डेयरी के उत्पाद खरीद कर लाते हैं तो आप इसकी व्यवस्था कर लें। किसान संगठनों ने कहा है कि लोगों से स्वेच्छा से दुकानें बंद रखने को कहा गया है।

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