जज्बा: फौज की भर्ती के लिए युवाओं में दिख रहा जोश, बहा रहे पसीना

Village Nuhianwali

 नुहियांवाली से कई युवा हो चुके हैं फौज में भर्ती (Village Nuhianwali)

सच कहूँ/राजू ओढां। युवाओं में फौज की भर्ती को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। गांव नुहियांवाली के राजीव गांधी खेल स्टेडियम में गांव के ही नहीं अपितु आस-पड़Þोस से दर्जन भर गांवों के युवा फ ौज की नौकरी के लिए पसीना बहा रहे हैं। गांव नुहियांवाली से पिछले कुछ समय के अंतराल में आधा दर्जन युवा फौज में भर्ती हो चुके हैं। वर्ष 2019 में हुई भर्ती में इस स्टेडियम में अभ्यास करने वाले 15 युवाओं द्वारा शारीरिक परीक्षा पास करने के चलते युवाओं का जोश दोगुना हुआ। फौज की भर्ती की तरफ युवाओं का रूझान इस कदर है कि युवा अलसुबह व सांय गांव के स्टेडियम में घंटों पसीना बहाते देखे जा सकते हंै।

आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा में जाना चाहते हैं

इस खेल स्टेडियम में नुहियांवाली के अलावा ख्योवाली, रोहिड़ांवाली, आनंदगढ़, पन्नीवाला मोटा, घुंकावाली, बनवाला, खाईशेरगढ़, रत्ताखेड़ा, राजपुरा, सालमखेड़ा व ओढां सहित एक दर्जन गांवों से काफी युवा हर रोज पसीना बहाने आते हैं। इस बारे जब युवाओं से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वे आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा में जाना चाहते हैं। उन्होेंने कहा कि 6 मार्च से फौज की भर्ती शुरू हो रही है।

‘‘मैं पिछले काफी समय से फौज में जाने के लिए अभ्यास कर रहा हूं। मुझे 6 मार्च को होने वाली भर्ती से पूरी उम्मीद है। इसके लिए मैं दिन-रात पूरी लगन से मेहनत कर रहा हूँ। उम्मीद है कि मुझे देश की सेवा के लिए मौका अवश्य मिलेगा। मेरे साथ मेरे गांंव से अनेक युवा अच्छी मेहनत कर रहे हैं। मुझे गर्व है कि मेरे गांव के कई युवा फौज में भर्ती हुए हैं।
-राजेश कुमार, युवा।

‘‘मेरी बचपन से ही आर्मी में भर्ती होने की इच्छा थी। मेरे दादा स्व. मनीराम भी फौज में रहे थे। मेरे 2 चचेरे भाईयों का भी फौज में चयन हो चुका है। मैं पिछले काफी समय से इसके लिए पूरी लगन से मेहनत कर रहा हूं। 12वीं कक्षा के बाद मैंने फौज की तैयारी शुरू कर दी थी। मैं हर रोज गांव नुहियांवाली के स्टेडियम में तैयारी के लिए आता हूं। मुझे बड़ी खुशी है कि युवाओं का रूझान फौज की ओर बढ़ रहा है। 6 मार्च को होने वाली भर्ती में मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी मेहनत रंग लाएगी।
-अक्षय कुमार, युवा।

‘‘देशसेवा का जज्बा हर किसी के दिल में होता है। हमारे गांव के सेवानिवृत फौजियों से जब देश भक्ति की बातें सुनते हैं तो बड़ा अच्छा लगता है। मेरे मन में यही है कि मैं भी फौज में भर्ती होऊं। भर्ती के लिए गांव के अलावा आस-पड़ोस के गांवों के काफी युवा हर रोज पसीना बहाने आते हैं। हमारे गांव नुहियांवाली से कई युवाओं का फौज में चयन हो चुका है। मुझे उम्मीद है कि इस बार मेरी मेहनत भी रंग लाएगी।
-कमल कुमार, युवा।

‘‘फौजी कहलाना बड़े गर्व की बात है। युवा फौज के लिए काफी अच्छी मेहनत कर रहे हैं। युवाओं ने जो मेहनत की थी उसका फल कई युवाओं को तो मिल गया और कईयों को इस भर्ती में मिल जाएगा। मैं भी काफी समय से फ ौज में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहा हूं। मुझे बड़ा गर्व है कि युवाओं का कदम देश सेवा की ओर बढ़ रहा है।
-सुनील कुमार, युवा।

‘‘आर्मी की भर्ती निकली है। इस भर्ती के लिए मैं व मेरे अनेक साथी काफी समय से मेहनत कर रहे हैं। मुझे देश के फौजी भाईयों पर बड़ा गर्व है। मेरे कई साथियों का विगत भर्तियों में चयन हो चुका है। मुझे गर्व है कि युवा देश सेवा में योगदान निभा रहे हैं। मेरे गांव आनंदगढ़ से कई युवा नुहियांवाली स्टेडियम में अभ्यास करने आते हैं। देश सेवा का जज्बा हर किसी में होना चाहिए। इस भर्ती से मुझे काफी उम्मीद है। मैं पिछले काफी समय से तैयारी में लगा हुआ हूँ।
-सतीश कुमार, युवा।

देश सेवा में युवाओं के बढ़ते कदम सराहनीय: रामस्वरूप

मुझे बड़ी खुशी है कि युवाओं के कदम देश सेवा की ओर बढ़ रहे हैं। मेरे गांव के कई युवाओं का आर्मी में चयन हो चुका है। ये बड़े गर्व की बात है। मैं युवाओं कहना चाहता हूं कि फौज के लिए तैयारियां करें। मुझे खुशी है कि मेरे गांव के कई लोग भारतीय सेना में रह चुके हैं।

जिनमें बेगराज नेहरा, किशना राम जलंधरा, मामराज सेवटा, केसरी सिंह राजपूत, सुरजाराम सुुथार, निक्का राम नेहरा, सुब्बेदार मेजर मोमन राम वर्मा, सुरजा राम गोदारा, श्रीचंद यादव, सुरजा राम नेहरा, कालू राम कारगवाल, मनीराम सहारण, कृष्ण लाल गोदारा, राजेन्द्र नेहरा व देवीलाल गोदारा शामिल है। मैं खुद एक फौजी रह चुका हूँ। मुझे सन् 1988 में माननीय राष्ट्रपति द्वारा आॅनरी नायब सुब्बेदार अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। मेरा सहयोग युवाओं के साथ है।
-रामस्वरूप नेहरा, सेवानिवृत फौजी (नुहियांवाली)।

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