फ्री आई कैंप: ऐसी सेवा तो हमारी परिवार वाले नहीं करते…

Eye Camp

50 मरीजों के हुए सफल ऑपरेशन

  • फ्री आई कैंप में डेरा प्रेमियों की सेवा से गदगद नजर आए बुजुर्ग
  • डेरा प्रबंधन समिति ने मरीजों के परिजनों के लिए भी की बेहतरीन व्यवस्था

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। ‘याद-ए-मुर्शिद’ परम पिता शाह सतनाम जी फ्री आई कैंप में अपने परिजनों की आँखों का उपचार करवाने पहुंचे उनके परिजन शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों की सेवा भावना के कायल नजर आए। ये सेवादार दिन-रात बुजुर्ग मरीजों की सेवा सुश्रुषा में जुटे हैं। रतिया (फतेहाबाद) से अपने पिता को लेकर आए कुलविन्द्र सिंह, आदमपुर (हिसार) से अपने जीजा के साथ पहुंचे राजू और कबूलशाह कूबन (फाजिल्का) से अपने मामा का उपचार करवाने पहुंचे सतपाल, नरेश, बलिन्द्र, मनोज, रामेहर, राजेश आदि ने बताया कि हम यहां अपने परिजनों की आँखों का उपचार करवाने पहुंचे हैं। यहां आने के बाद हमने सिर्फ उनका रजिस्ट्रेशन करवाया। उसके पश्चात् से उनकी पूरी जिम्मेदारी डेरा सच्चा सौदा के सेवादार बखूबी निभा रहे हैं। आपको बता दें कि अभी तक 50 मरीजों के सफल ऑपरेशन हो चुके है।

सेवादारों ने ही उनकी आँखों सहित सभी स्वास्थ्य जांच करवाई है। साथ ही उनके खाने-पीने, दवाई देने, बाथरूम ले जाने और विशेषज्ञ चिकित्सकों से ऑपरेशन करवाने तक की सेवा पूरी जिम्मेदारी से बखूबी निभा रहे हैं। सेवादार जहां हमारे परिजनों की अपने माता-पिता की भांति सेवा कर रहे हैं। वास्तव में सेवा भाव बेमिसाल है इनका सेवभाव, हम सभी को इनसे शिक्षा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न सिर्फ मरीजों के लिए बल्कि डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन समिति द्वारा मरीजों के परिजनों तक के लिए खान-पान से लेकर रहने तक की बेहतरीन व्यवस्था की गई है। ऐसा और कहीं देखने को नहीं मिलता है।

कैंप में सेवा करने पहुंचे गाँव रटौला, महेला चौक, संगरूर निवासी कुलदीप सिंह ने बताया कि वे 1992 से लगातार ‘याद-ए-मुर्शिद’ परम पिता शाह सतनाम जी महाराज फ्री नेत्र जांच शिविर में आ रहे हैं। यहां सेवा करके बहुत खुशी मिलती है। बुजुर्गों की दुआएं मिलती हैं। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमें सिखाया है कि जरूरतमंदों की सेवा करना ही सच्ची इन्सानियत है। इसी पर चलते हुए कैंप में आने वाले हर मरीज की पूरी तन्मयता से सेवा की जाती है। ये सब पूज्य गुरु जी की दया, मेहर, रहमत और शिक्षाओं की बदौलत ही संभव हो रहा है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।