अग्निपथ विरोध: हरियाणा में प्रशासन अलर्ट

Police in station

रेलवे स्टेशनों पर पुलिस मुस्तैद, 20 से ज्यादा पैसेंजर ट्रेन रद्द

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। अग्निपथ विरोध योजना के विरोध में चल रहे युवाओं के आंदोलन को देखते हुए नॉर्दर्न रेलवे ने सोमवार को 20 से ज्यादा पैसेंजर ट्रेन रद्द की गईं हैं। इनमें पानीपत से होते हुए दिल्ली जाने वाली चार ट्रेनें भी शामिल हैं। वहीं कुछ संगठनों द्वारा भारत बंद के आह्वान पर हरियाणा में भी प्रशासन व पुलिस सतर्क है। पुलिस के जवानों को प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर भारत बंद की अपील की गई। हरियाणा के कई जिलों में केंद्र की अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे में संचालित निम्न गाड़ियों को रद्द किया गया है।

  • गाड़ी संख्या 15909, डिब्रुगढ-लालगढ़ रेल सेवा
  • गाड़ी संख्या 12987, सियालदाह-अजमेर रेल सेवा
    गाड़ी संख्या 14086, सिरसा-तिलकब्रिज रेल सेवा
  • गाड़ी संख्या 04470, दिल्ली-रेवाड़ी स्पेशल रेल सेवा

गुरुग्राम में भारी जाम की स्थिति

दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर सरहौल सीमा पर भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। दिल्ली पुलिस ने कुछ संगठनों द्वारा अग्निपथ योजना के खिलाफ भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर वाहनों की जांच कर रही है। यही वजह है कि एक्सप्रेसवे पर भीषण जाम की स्थिति है।

आरपीएफ ने 300 अज्ञात के विरुद्ध दर्ज किया मामला

महेंद्रगढ़ की आरपीएफ चौकी के प्रभारी रमेश कुमार ने बताया कि अग्निपथ के विरोध में शनिवार को शहर में करीब पांच घंटे जमकर उत्पात मचाने वाले 14 युवकों को जेल भेज दिया गया है। वहीं करीब 300 अज्ञात युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर वीडियो व सीसीटीवी खंगालने का काम शुरू कर दिया गया है। अब पुलिस इनकी पहचान कर कानूनी कार्रवाई करेगी।

‘‘हरियाणा में भारत बंद का कोई असर नहीं हुआ है। मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में सभी को आंदोलन कर अपनी मांगे रखने का अधिकार है, लेकिन इसका तरीका शांतिपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों से सरकार सख्ती से निपटेगी। केंद्र सरकार युवाओं के लिए जो अग्निपथ योजना लेकर आई है, पहले उसे अच्छे से समझना चाहिए। उसके बाद यदि जरूरत पड़े तो ही विरोध जैसा कदम उठाना चाहिए। लेकिन विरोध का भी एक अपना तरीका होता है। विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए था।
-डॉ. बनवारी लाल, सहकारिता मंत्री, हरियाणा सरकार।

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