30 तक आरडीएफ का पैसा जारी करे केन्द्र, नहीं तो 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट जाएंगे: मान

Bhagwant Mann
विधानसभा सदन में आरडीएफ के मुद्दे को लेकर बोलते हुए सीएम मान।

भगवंत मान की केन्द्र सरकार को चेतावनी, सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियाँ खत्म होते ही पटीशन डालेगी सरकार

  • अलग-अलग राज्यों में गैर-भाजपा सरकारों को निशाना बना रहा केंद्र
  • अगर एक जुलाई तक फंड जारी न किए तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी मान सरकार
  • प्रताप बाजवा ने पंजाबियों के सवालों के जवाब देने की बजाय सदन से भाग जाने का रास्ता चुना

चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) द्वारा केन्द्र सरकार को चेतावनी दे दी गई है कि 30 जून तक पंजाब के हक का आरडीएफ के रुप में 3622 करोड़ रुपए जारी करें, नहीं तो 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की छुट्टिया खत्म होने जा रही हैं, जहां कि पंजाब सरकार पटीशन डालकर सुप्रीम कोर्ट से ही पैसा जारी करवाएगी। अलग-अलग राज्यों में गैर-भाजपा सरकारों को परेशान करने के लिए केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार की आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि भाजपा अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए ग्रामीण विकास फंड (आर.डी.एफ.) रोकने जैसे घटिया हथकंडे अपना रही है।

मुख्यमंत्री ने पंजाब विधानसभा (Punjab Vidhan Sabha) के सदन में राज्य में आर.डी.एफ. जारी करने के लिए पेश किए गए प्रस्ताव पर हुई चर्चा को समेटते हुए कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि मौजूदा राज्य सरकार ने पिछली सरकारों की सभी त्रुट्टियों को दूर कर दिया परन्तु केंद्र ने फिर भी अभी तक फंड जारी नहीं किए। भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने खुद केंद्रीय मंत्री के साथ मुलाकात भी की थी, जिन्होंने भरोसा दिया था कि यह फंड जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे। हालाँकि, उन्होंने कहा कि यह भरोसा हकीकत में कभी भी नहीं बदला और केंद्र सरकार ने राज्य के 3622 करोड़ रुपए से अधिक के ग्रामीण विकास फंड को रोक दिया है।

मुख्यमंत्री (Bhagwant Mann) ने कहा कि हर कोई जानता है कि केंद्र सरकार देश की गैर-भाजपा सरकारों को निशाना बना रही है और उनको सुचारु ढंग से काम नहीं करने दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि इस तानाशाही व्यवहार ने देश भर में लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया है। भगवंत मान ने कहा कि यह एक खतरनाक रुझान है जिसको रोकने की जरुरत है क्योंकि यह देश के हित में नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों में अपने घिनौने मंसूबों को पूरा करने के लिए केंद्र ने एक ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति की है जिसको राज्यपाल के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने कहा कि गवर्नर का पद अंग्रेजों के शासनकाल के समय भी मौजूद था और अभी भी केंद्र के चुने हुए ये लोग उसी तरह शाही ठाठ-बाठ के साथ रहते हैं, जैसे पहले रहते थे। भगवंत मान ने कहा कि वास्तव में यह राज भवन अब राज्य के मामलों में दखल देने के लिए भाजपा के प्रांतीय हैडक्वार्टर के तौर पर उभरकर सामने आए हैं।

मुख्यमंत्री (Bhagwant Mann) ने कहा कि राज्यपाल चुनी हुई सरकारों के काम में अनावश्यक बाधा पैदा कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यदि राज्यपाल राज्यों के मामलों में दखल नहीं देते हैं तो केंद्र राज्यपालों को इसलिए डांटता है कि वह दफ़्तरों में फुर्सत से क्यों बैठे हुए हैं। भगवंत मान ने पंजाब के राज्यपाल की तरफ से लिखी चिट्ठियों का रिकार्ड सदन में पेश करते हुए कहा कि राज्यपाल को ऐसे पत्र लिखने की बजाय आर.डी.एफ. जैसे मुद्दों को केंद्र के समक्ष हल करवाने के लिए कोशिश करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हितों की रक्षा करने की बजाय पंजाब यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर पंजाब के ही राज्यपाल अक्सर दूसरी तरफ खड़े नजर आते हैं। भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने 3622 करोड़ रुपए रोक दिए हैं जो कि लिंक सड़कों के निर्माण, मंडियों में बुनियादी ढांचे में सुधार करने और अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते थे। उन्होंने कहा कि यदि यह फंड जारी न किया गया तो राज्य सरकार इसके जल्द हल के लिए मामला सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में सबसे अधिक योगदान देने वाले राज्य के फंडों को केंद्र रोक रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह उन महान राष्ट्रीय नायकों के अथाह योगदान का सत्कार है जिन्होंने मातृ भूमि की खातिर अपनी कीमती जानें न्यौछावर कर दीं थीं? भगवंत मान ने किसानों की फसल खरीदने से अपने पैर पीछे खींचने के लिए भी केंद्र पर तीखा हमला बोला। Bhagwant Mann

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय खरीद एजेंसियों की तरफ से राज्य के किसानों को किसी न किसी बहाने परेशान किया जाता है और यहाँ तक कि मूल्य कटौती की जाती है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य के किसानों को मूल्य कटौती के एवज में मुआवजा देकर उनके हितों की रक्षा की। भगवंत मान ने कहा कि यदि राज्य के किसान इन एजेंसियों को अनाज बेचने से ही न कर दें तो केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) के लिए अनाज कहाँ से लेकर आएगी?

पंजाबियों के सवालों के जवाब देने की बजाय भाग जाते हैं सदन में से कांग्रेसी

इस अहम मुद्दे पर बहस से भागने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा करके वह राज्य के हितों का सीधे तौर पर नुक्सान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विरोधी पक्ष के नेता प्रताप बाजवा पंजाब के साथ जुड़े मसलों बारे जवाब देने की बजाय सदन से भाग गए हैं। भगवंत मान ने पंजाब निवासियों को न्योता देते हुए कहा कि लोगों को इन नेताओं से पूछना चाहिए कि जब आर.डी.एफ. को रोकने के खिलाफ बिल पास किया जा रहा था तो वह बायकॉट करके अपने घर क्यों भाग गए थे। भगवंत मान ने कहा कि इन नेताओं को राज्य के हितों के साथ कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि इनको हमेशा अपने निजी स्वार्थों की चिंता रहती है।

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