सालों बीत जाने के बाद भी किसानों के खातों में नहीं आई प्रोत्साहन राशि

Incentive-Amount

विडम्बना : कागजों और जांच में उलझी वर्ष 2019 की धान की सीधी बिजाई की प्रोत्साहन राशि (Incentive Amount)

  •  पांच हजार रूपए प्रति एकड़ देने की घोषणा की थी सरकार द्वारा
  •  प्रदेश में बिजाई की गई थी हजारों एकड़ में धान की सीधी बिजाई

सच कहूँ, देवीलाल बारना
कुरुक्षेत्र। बेशक भू-जल स्तर में सुधार करने के लिए सरकार द्वारा नई-नई योजनाएं बनाकर किसानों को प्रोत्साहित करने की घोषणा की जाती हों लेकिन प्रोत्साहन राशि देने की जब बात आती है तो कुछ ओर ही नजर आता है। सरकार द्वारा वर्ष 2019 में भू-जल स्तर ज्यादा नीचे न जाए, इसको लेकर घोषणा की थी कि जो किसान धान की रोपाई न कर धान की डीएसआर तकनीक से बिजाई यानि सीधी बिजाई करेगा उन किसानों को प्रति एकड़ 5 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सरकार की इस घोषणा का फायदा भी हुआ और हरियाणा में लगभग सभी जिलों में अनेकों किसानों ने डीएसआर विधि को चुना व धान की बिजाई की। लेकिन लगभग 3 वर्ष बीत जाने के बाद आज तक भी किसानों के खातों में यह प्रोत्साहन राशि नही पहुंची है जिससे किसानों में रोष है।

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह प्रोत्साहन राशि किसानों को मिलने की संभावना कम ही है। चूंकि धान की रोपाई की गई है या नहीं शुरूआती समय में ही पता चल सकता है लेकिन कृषि अधिकारियों द्वारा खेतों की जांच बिजाई के लगभग 3 माह बाद की गई। ऐसे में ज्यादा खेतों में सीधी बिजाई दर्शाई गई है। अब राशि किसानों के खातों में आएगी या नहीं यह तो समय के गर्भ में है लेकिन यदि प्रोत्साहन राशि नही आती तो किसानों का सरकारी योजनाओं व सरकार से विश्वास उठता नजर आता है।

करवाई गई चांज, रिपोर्ट पहुंच चुकी सरकार के पास

जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में जो धान की सीधी बिजाई की गई थी, जितने खेतों में धान की सीधी बिजाई हुई उससे ज्यादा खेतों का रिकार्ड दशार्ने का मामला सामने आया। इस मामले में जांच विशेषज्ञ डॉ. आरएल सिहाग को सौंपी गई। डॉ. सिहाग ने इस मामले में जांच पूरी कर रिपोर्ट विभाग के पास भेज दी। डॉ. सिहाग से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच पूरी कर ली गई है और विभाग को पूरी रिपोर्ट सौंप दी गई है।

सरकार के पास भेजी है रिपोर्ट : अतिरिक्त निदेशक

कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. सुरेंद्र से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जांच पूरी कर ली गई है व रिपोर्ट सरकार के पास भेज दी है। अब वर्ष 2019 में धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि मिलेगी या नहीं सरकार के हाथ में है।

2021 में फिर बनाई योजना लेकिन देरी से

सरकार द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार 15 जून के बाद से किसान धान की रोपाई कर सकते हैं, लेकिन धान की सीधी बिजाई के लिए विशेषज्ञों द्वारा 1 से 15 जून तक का समय उचित माना गया है। ऐसे में जो किसान धान की सीधी बिजाई करते हैं या करने की सोचते हैं वे 1 जून के के आस-पास ही बिजाई करते हैं। वर्ष 2021 में भी मेरा पानी मेरी विरासत के तहत सरकार द्वारा धान की सीधी बिजाई पर 5 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया है। लेकिन विडंबना यह है कि जिस योजना को धान बिजाई से महीनों पहले लॉंच करना चाहिए था उसे ऐन मौके पर 14 जून को प्रोत्साहन राशि को लेकर पत्र जारी किया गया।

क्या है धान की डीएसआर विधि

धान की डीएसआर विधि के तहत किसानों को खेतों को कद्दू करने की जरूरत नहीं होती और न ही लेबर से धान रोपाई की जरूरत होती है बल्कि ड्रील मशीन से सीधे तरीके से ही धान की बिजाई की जा सकती है। इसका बड़ा फायदा यह है कि इस विधि के तहत बिजाई की गई धान में पानी खड़ा रखने की भी जरूरत नहीं होती बल्कि सिर्फ नमी ही खेतों में रखनी होती है। ऐसे में इस विधि से भूजल स्तर को नीचे जाने से रोका जा सकता है।

प्रोत्साहन राशि को लेकर सही समय पर निर्णय लिया जाए तो कारगर हो सकती है यह विधि

यदि सरकार सही समय पर प्रचार प्रसार करे और धान की सीधी बिजाई पर समय से किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान करे तो यह विधि कारगर सिद्ध हो सकती है। इस विधि से जहां भूजल बचेगा वहीं किसानों का खर्च भी कम होगा।

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