लालच का अंत
एक किसान के खेत से जादुई टब निकला। उसमें विचित्र गुण था। उसमें कोई एक चीज डालने पर वैसी ही सौ चीजें निकल आती थीं। किसान ने उस टब में लीची का एक पौधा डाला। थोड़ी देर में टब से लीची के सौ पौधे निकल आए। इसी तरह वह अनेक चीजों का ढेर लगाकर समृद्ध हो गया।
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लघू कथा: पीलू गया शहर
एक था पीलू ततैया। वह लालची था उसे जब भी कुछ खाने की चीज दिखाई देती वह उस पर टूट पड़ता। एक दिन उड़ते-उड़ते पीलू ततैया शहर जा पहुंचा। वहां मंडी में गुड़ के बड़े-बड़े ढेर लगे थे। उन पर बहुत से ततैये बैठे मजे से गुड़ का स्वाद ले रहे थे।
पीलू भी वही एक ढेर पर ज...
कहानी: होमवर्क
डब्बू कभी भी अपना होमवर्क पूरा करके स्कूल नहीं जाता था। होमवर्क पूरा न करने के कारण स्कूल में उसे रोज डांट सुननी पड़ती थी और मार भी खानी पड़ती थी लेकिन वह अपनी आदत नहीं सुधारता था। मां जब उसे समझाती तो वह कहता, 'दूसरे बच्चे भी तो होमवर्क पूरा करके नहीं...
बाल कथा : संतोष की महत्ता
जीवन में संतोष है तो सब कुछ है। संतोष नहीं तो सब कुछ होने पर भी मनुष्य के पास कुछ नहीं। जीवन को सुखमय बनाने के लिए संतोष आवश्यक है। जीवन का लक्ष्य भौतिकवाद नहीं है जबकि मनुष्य हमेशा भौतिक पदार्थों को इक्ट्ठा करने में ही लगा रहता है। भौतिकवाद तो एक अं...
Love Animals: पशुओं से प्यार
तुम इस पिल्ले को मुझे दे दो, बदले में जो चाहो ले लो। मालिक की बात सुनकर रतन बोला, मालिक, यह पिल्ला तो मुझे जान से भी ज्यादा प्यारा है और मेरे परिवार का हिस्सा है
कहानी: पेरेंटस बनें टीनएजर्स बच्चों के मददगार
जहां गलती करें, प्यार से उन्हें समझाएं ताकि उन्हें अहसास हो कि माता पिता ठीक कह रहे हैं अपनी मर्जी थोपे नहीं बल्कि उसकी भलाई बुराई से वाकिफ कराएं।
हुआ उजाला
अंधकार की काली चादर,
धरती पर से सरकी।
हुआ उजाला जग में कोई,
बात नहीं है डर की।
चींचीं चींचीं चिड़िया बोली,
डाली पर कीकर की।
कामकाज बस शुरू हो गया,
सबने खटर-पटर की।
लाया है अखबार खबर सब,
बाहर की, भीतर की।
घंटी बजी, दूध मिलने में,
द...
बाल कथा : संतोष
चाणक्य मगध देश के राजा चन्द्रगुप्त के मंत्री थे। वे बुद्धिमान, तपस्वी और राजनीतिज्ञ थे। चाणक्य मंत्री होते हुए भी बहुत साधारण जीवन व्यतीत करते थे और शहर से बाहर एक झोंपड़ी में रहते थे। एक बार राजा चन्द्रगुप्त ने मंत्री चाणक्य को कुछ कंबल दिए और कहा-इन...
गधे के पेट में खाना
एक बार की बात है कि रामू अपने हाथ से पेट को बजा रहा था। यह देख कर माँ ने उससे कहा, ‘‘बेटा, ऐसे पेट नहीं बजाते। ऐसा करने से हम जो खाना खाते हैं, वो गधों के पेट में चला जाता है।’’
कुछ दिनों के बाद रामू का परिवार किसी के यहां से खाना खाकर आया तो उसके प...
वर्षा की देवी
बहुत पहले एक गांव में एक दंपति रहते थे। जब बहुत वर्ष तक उनके यहां संतान न हुई तो उन्होंने देवी की पूजा की।पूजा-पाठ के प्रभाव से ही उनके घर एक कन्या हुई। कन्या सुशील व सुंदर थी। उसके चेहरे से ज्योति निकलती रहती थी। जब वह जरा बड़ी हो कर चलने-फिरने लगी त...
अकबर का तोता
बहुत समय पहले की बात है। एक बार अकबर बाजार में भ्रमण पर निकले थे। वहां उन्होंने एक तोता देखा, जो बहुत ही प्यारा था। उसके मालिक ने उसे बहुत अच्छी बातें सिखाई थीं। अकबर यही देखकर खुश हो गए। उन्होंने उस तोते को खरीदने का फैसला कर लिया। तोते को खरीदने के...
Children’s Ram Leela: बच्चों की राम लीला
मंच पर वापस आकर राम की भूमिका निभा रहे मनोज ने राजू से पूछा, ‘चच्चा बीच में बेहोश क्यों हो गए थे
Farmer’s clock: किसान की घड़ी
लड़का एक-एक कर के घर के कमरों में जाने लगा, और जब वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में थी। किसान घड़ी देख प्रसन्न हो गया और अचरज से पूछा, ‘ बेटा, कहाँ थी ये घड़ी, और जहां हम सभी असफल हो गए तुमने इसे कैसे ढूंढ निकाला ?’
बाल कविता : नये युग का बालक
घिसे-पिटे परियों के किस्से नहीं सुनूँगा,
खुली आँख से झूठे सपने नहीं बुनूँगा।
मुझे पता चंदा की धरती पथरीली है,
इसलिए धब्बों की छाया भी नीली है।
चरखा कात रही है नानी मत बतलाओ,
पढ़े-लिखे बच्चों को ऐसे मत झुठलाओ।
इन्द्रधनुष के रंग इन्द्र ने नह...
परहित सेवा
फारस देश का बादशाह नौशेरवां न्यायप्रियता के लिए विख्यात था। एक दिन वह अपने मंत्रियों के साथ भ्रमण पर निकला। उसने दखा कि एक बगीचे में एक बुजुर्ग माली अखरोट का पौधा लगा रहा है।
बादशाह माली के समीप गया और पूछा, ‘‘तुम यहां नौकर हो या यह तुम्हारा ही बगीच...