शिशुगीत
अब चुहिया ने सुंदर-सुंदर
सूट सिलाया लाल,
ठुमक-ठुमक कर चलती है वो
ऊँची सैंडिल डाल।
गिरी फिसल के बीच सड़क पर
बड़ा बुरा था हाल,
समझ गयी थी बहुत बुरा है
इस फैशन का जाल
सुनीता काम्बोज, यमुनानगर
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बड़ा कौन
एक गुरु अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे। अचानक एक शिष्य ने सख्त चट्टान को देखकर उनसे प्रश्न किया, ‘‘क्या इससे भी कठोर कुछ हो सकता है?’’ गुरु ने उत्तर नहीं दिया बल्कि यही प्रश्न शिष्य मंडली से पूछने लगे।
एक ने कहा, ‘‘लोहा चट्टान से भी कठोर है, जो ...
रिमझिम बरस रहा है पानी
छम-छम करती हँसती-गाती,
नभ से उतरी बरखा रानी।
भीनी-भीनी मधुर फुहारें,
ठंडी-ठंडी जल की धारें,
हरी दूब फिर मचल रही है
ज्यों धरती का आँचल धानी।
बिजली कहो, कहाँ से आती
नभ में कौन परी है गाती,
रंग-रंगीली परी कथाएँ
सुना रही है प्यारी नानी।
भ...
मूर्ख ऊंट
एक घना जंगल था, जहां एक खतरनाक शेर रहता था। कौआ, सियार और चीता उसके सेवक के रूप में हमेशा उसके साथ रहते थे। शेर रोज शिकार करके भोजन करता और ये तीनों उस बचे हुए शिकार से अपना पेट भरते थे। इस बीच एक दिन शेर की जंगली हाथी से लड़ाई हो गई और शेर बुरी तरह स...
Rabbit on the moon: चांद पर खरगोश
खरगोश को खाली हाथ लौटते देख उससे तीनों मित्रों ने पूछा, ‘अरें! तुम क्या दान करोगे? आज ही के दिन दान करने से महादान का लाभ मिलेगा, पता है न तुम्हें।’ खरगोश ने कहा, ‘हां, मुझे पता है, इसलिए आज मैंने खुद को दान करने का फैसला लिया है।’
Monkey and hat seller: बंदर और टोपीवाला
उसे ऐसा करता देख बंदर भी अपना सिर खुजलाने लगे। व्यापारी को यह देख गुस्सा आ गया। उसने गुस्से में अपने सिर पर अपना हाथ तेजी से मारा
पिकनिक बच्चों को प्यारी
पिकनिक बच्चों को प्यारी
पापा मानों बात हमारी,
पिकनिक की कर लो तैयारी।
बोर हो गये पढ़ते-पढ़ते,
ढ़ोते बस्ता भारी-भारी।।
आफिस का मत करो बहाना,
कल संडे छुट्टी सरकारी।
मम्मी तुम भी अभी बना लो,
खाने-पीने की चीजें सारी।
लेटेंगे हम नरम घास पर,
छुपम-छु...
काला रंग
फिर क्या हुआ मैं काला हूं?
बाकी रंगों से खुशनसीब वाला हूं!
काले रंग के बोर्ड पर सफेद अक्षर को बिखेरने वाला हूं,
कल तुम्हारा भविष्य में ही निहारने वाला हूं!
फिर क्या हुआ मैं काला हूं बाकी रंगों से अधिक खुश नसीब वाला हूं!
तुम्हारी फसलों को मैं बचा...
गोटू और मोटू
गोटू और मोटू जोकर डंबो सर्कस में काम करते थे। वे दोनों अच्छे मित्र थे। गोटू बहुत लंबा और पतला था, जबकि मोटू छोटा व मोटा था। एक दिन गोटू और मोटू सर्कस में करतब दिखा रहे थे। गोटू हवा में साबुन के बुलबुलों को पकड़ने की कोशिश कर रहा था। यह देख कर बच्चे हँ...
कलयुग के भगवान
गुप्ता जी काफी समय से लॉकडाउन के कारण अपनी दुकान नहीं खोल पा रहे थे। लेकिन वह इस बात से खुश था कि लॉकडाउन के समय को उन्होंने और उनके परिवार ने बड़े अच्छी तरीके से निभाया। कोरोना से लड़ने के लिए पुलिसवालों और सभी सफाई कर्मचारी एवं डॉक्टर और नर्सिंग स्टा...
दोस्त का जवाब
बहुत समय पहले की बात है, दो दोस्त बीहड़ इलाकों से होकर शहर जा रहे थे । गर्मी बहुत अधिक होने के कारण वो बीच-बीच में रुकते और आराम करते। उन्होंने अपने साथ खाने-पीने की भी कुछ चीजें रखी हुई थीं। जब दोपहर में उन्हें भूख लगी तो दोनों ने एक जगह बैठकर खाने क...
कविता
इन्तजार तस्वीरों ने संजोयी है , बहुत सी आवाजे अपने अंदर,
लेकिन हकीकत ने आज मौन का कफन ओढ़ रखा है।
आंगन जो लीपा जाता था, प्यार की मिट्टी से कभी,
झूठे, दिखावटी संगमरमर के पत्थरों से ढ़क रखा है।
शाम की चाय की भीनी खुशबू आज भी वैसी ही है,
लेकिन अब सगे...
नाना जी का उपहार
बह की गाड़ी से जौनी के नानाजी आने वाले थे। जौनी अपने पापा के साथ नानाजी को लेने स्टेशन गया। गाड़ी ठीक समय पर आ पहुंची। जौनी और उस के पापा, नानाजी को ढूंढने लगे। तभी जौनी को दूर फर्स्ट क्लास के डब्बे के दरवाजे पर नानाजी खड़े दिखाई दिए। नानाजी, नानाजी, चि...
आओ बच्चों बढ़ाएं ज्ञान
अक्सर बच्चों में कुछ सीखने की उत्सुकता रहती है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे सवाल, जो न सिर्फ आपकी बौद्विक क्षमता का परखेंगे बल्कि आपके ज्ञान में भी वृद्धि करेंगे। इनमें जहां इतिहास, खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी आपको हासिल होगी।
प्रश्...
समझदार बंदर
बच्चों बहुत पुरानी बात है। मोहक वन नमक एक जंगल में एक नदी थी। वहीं किनारे एक जामुन के पेड़ पर एक बन्दर रहता था। जामुन के उस पेड़ पर बहुत ही मीठे जामुन लगते थे। नदी में एक मगरमच्छ भी रहता था। एक दिन मगरमच्छ खाना तलाशते हुए पेड़ के पास आया। उसे देख बन्दर ...