चीतों के लिए हिरण छोड़े जाने से बिश्नोई समाज में रोष

फतेहाबाद, (विनोद शर्मा)। कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए चीतों के लिए हिरणों को छोड़ने से बिश्नोई समाज में रोष है। इस फैसले से खफा बिश्नोई समाज के अनेक सदस्यों ने सोमवार को फतेहाबाद के लघु सचिवालय के बाहर धरना दिया। फतेहाबाद के गांव काजल हेड़ी के युवा रोहित ईशरवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेज कर हिरणों पर अत्याचार रोकने का आग्रह किया। उन्होंने भेजे गए सार्वजनिक पत्र में कहा है कि 24 तक सरकार हिरणों पर अत्याचार करने का फैसला बंद नहीं करती तो वे 25 अगस्त को अमावस्या के दिन आत्मदाह करे लेंगे। रोहित गांव काजल हेड़ी में खेती करते है। बिश्नोई समाज के लोगों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने गलत तरीके से वन्य जीवों के साथ छेड़छाड़ कर रही है। जब कूना नेशनल पार्क में हिरण नहीं थे तो सरकार इसके लिए प्रयास करती। अब दूसरे जगह से हिरणों को मारने के लिए लेकर जाया जा रहा है, यह गलत है। बिश्नोई समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि राजगढ़ से 181 चीतल यानी हिरणों की एक प्रजाति को ले जाया गया है।

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क्या है मामला

धरने पर बैठे बिश्नोई समाज के सदस्यों ने कहा कि उनका धरना सोमवार से शुरू हो गया। ये धरना अनिश्चितकालीन चलेगा। सरकार इसी तरह से हिरणों पर अत्याचार करती रही तो उनका आंदोलन तेज होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का दायित्व बनता है कि सभी वन्य प्राणियों का संरक्षण के लिए कार्य करें, लेकिन देश के मुखिया खुद के पब्लिसिटी के लिए चीतों के लिए हिरणों को दूसरे जगह से लेकर उनकी हत्या करवा रहे है। हाल ही में भाजपा का दामन थामने वाले आदमपुर विधानसभा के पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई ने इसकी निंदा की है तथा साथ ही केंद्र सरकार से तुरंत इस पर रोक लगाने की मांग की है। बिश्नोई ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा, ‘चीतों के भोजन के लिए चीतल और हिरण भेजने की सूचनाएं आ रही हैं, जो अति निंदनीय है। मेरा केंद्र सरकार से अनुरोध है कि राजस्थान में विलुप्त होने की कगार पर पहुंची हिरणों की प्रजाति और बिश्नोई समाज की भावनाओं को देखते हुए इस मामले की जांच करवाई जाए और अगर ऐसा है तो तुरंत इस पर रोक लगाई जाए।

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