Ginger Cultivation: कैसे करें अदरक की पैदावार, कितनी है लागत और कितना है मुनाफा

Ginger Cultivation
Ginger Cultivation: कैसे करें अदरक की पैदावार, कितनी है लागत और कितना है मुनाफा

Ginger Farming in India: अदरक की खेती मुख्य रूप से उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। इसके पौधों को कंद के रूप में उगाया जाता है। अदरक का इस्तेमाल विशेषकर खाने में मसाले के तौर पर किया जाता है। इसके अलावा मुख्य रूप से इसे चाय बनाने, अचार बनाने तथा अनेक प्रकार के व्यंजनों में स्वाद लाने के लिए किया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि कुछ लोग अदरक को सुखाकर उसे सोंठ के रूप में भी उपयोग करतें हैं, इसके अलावा इसे अनेक प्रकार के रोग जैसे पथरी, खांसी, सर्दी-जुकाम, पीलिया और पेट के कई रोगों के लिए ही लाभकारी माना जाता है। Ginger Cultivation

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भारत में अदरक को अलग-अलग भाषाओं में भिन्न भिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे:- बंगाली में आदा, मराठी में अले, कन्नड़ में अल्ला के अलावा भी इसे अनेक भाषाओं में कई अन्य नामों से जाना जाता है। हमारे देश में अदरक की खेती को उत्तर और दक्षिण भारत के राज्यों में अधिक मात्रा में उगाया जाता है। यदि आप भी अदरक की खेती करना चाहते हैं तो इस लेख में आपको अदरक की खेती कैसे होती है से जुड़ी जानकारी दी जा रही है और इसके अलावा यह भी बताया गया है कि अदरक में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं और यह किस महीने में उगाया जाता है।

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Ginger Cultivation: कैसे करें अदरक की पैदावार, कितनी है लागत और कितना है मुनाफा

अदरक की खेती के लिए मिट्टी का चयन

अदरक की खेती के लिए उचित जीवाश्म और कार्बनिक पदार्थ युक्त मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही भूमि जल निकासी वाली होनी चाहिए, अदरक की खेती के लिए भूमि का P.H. मान तकरीबन 6 होना चाहिए। अदरक की फसल के लिए उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण कटिबंध जलवायु की आवश्यकता होती है। गर्मियों का मौसम अदरक की फसल के लिए अधिक उपयुक्त होता है, क्योंकि गर्मियों के मौसम में इसके कंद अच्छे से विकास करते हैं। इसकी फसल को समुद्र तल से 1500 मीटर की ऊंचाई पर करना चाहिए। अदरक के पौधों को अंकुरित होने के लिए 20 से 25 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है तथा कंदो को पकाने के लिए 30 से 35 डिग्री तापमान जरूरी होता है।

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कौन से महीने में लगाया जाता है अदरक

अदरक के बीजों की रोपाई कंद के रूप में की जाती है। कंदों की रोपाई से पहले खेत में मेड़ तैयार कर लिया जाता है । खेतों में मेड़ों को तैयार करते समय प्रत्येक मेड़ के बीच में 1 से सवा फीट की दूरी आवश्यक रखें। और बीजों को 15 सेंटीमीटर की दूरी को और 5 सेंटीमीटर की गहराई में लगाया जाता है। अदरक के पौधे को अधिक धूप की जरूरत होती है इसलिए इसकी खेती छायादार जगह में नहीं करनी चाहिए।

दरअसल भारत के उत्तरी भाग में अदरक की फसल की रोपाई के लिए अप्रैल माह को उपयुक्त माना जाता है वहीं उत्तर भारत में इसके बीजों की रोपाई मई के महीने में की जाती है इसके अलावा इसे मई और जून के महीने में भी लगाया जा सकता है।

लागत और मुनाफा

अगर अदरक की खेती से मुनाफे की बात करें तो एक हेक्टेयर में 150 से 200 क्विंटल अदरक की पैदावार प्राप्त की जा सकती है। मार्केट में 1 किलो अदरक 60 से 80 रुपए तक बिकता है, ऐसे में कम से कम भाव में भी एक हेक्टेयर जमीन पर अदरक की खेती से 25 लाख रुपए तक की कमाई आसानी से की जा सकती है। सारे खर्चे काटने के बाद भी इसकी खेती से करीब 15 लाख रुपए हर साल का मुनाफा कमाया जा सकता है।

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अदरक में पाए जाने वाले पोषक तत्व

अदरक में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, जिंक, कॉपर मैंगनीज और क्रोमियम आदि पोषक तत्व होते हैं। अदरक में बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की अद्भुत क्षमता भी होती है। इसलिए इसका नियमित सेवन करने से कई मौसमी बीमारियों से बचाव होता है। इसके प्रयोग से गले के संक्रमण होने की संभावना कम रहती है। यह शरीर में पैदा होने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म कर देता है जिससे इससे इसका प्रयोग बहुत ही लाभकारी जाता है।