बांग्लादेश में शेख हसीना की जीत के भारत के लिए मायने
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने रविवार को हुए 11वें संसदीय चुनाव में लगातार तीसरी बार शानदार जीत दर्ज की। इस चुनाव में विपक्ष का लगभग सफाया हो गया। हसीना की पार्टी ने 300 में से 276 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं आवामी लीग की...
तीन तलाक पर चौतरफा सियासत
लोकसभा में विपक्ष के कड़े तेवरों और विरोध के बीच तीन तलाक को गैर कानूनी करार देने वाला संशोधित विधेयक पारित हो गया। विपक्ष को लेकर जैसी उम्मीद जतायी जा रही थी उसने वैसा किया भी। कांग्रेस सहित अनेक विपक्षी दलों ने वाकआउट करते हुए वोटिंग में हिस्सा नहीं...
इबादत के नाम पर न बिगड़े सौहार्द्र
देश की राजधानी दिल्ली से बिल्कुल सटे शहर नोएडा में खुले में नमाज पढ़ने की स्थानीय प्रशासन की मनाही के बाद विशेष धर्म के लोगों ने दबंगई से नमाज पढ़कर धार्मिक उन्माद फैलाने की हिमाकत की। गनीमत इस बात की रही उनके उस कृत्य को दूसरे धर्मांे के लोगों ने ज्या...
राजनीतिक उथल-पुथल के साथ बीता 2018
वर्ष 2018 कुछ खट्टी, कुछ मीठी और कुछ कड़वी यादों के साथ हम सभी को अलविदा कह रहा है और हम नए साल का स्वागत करने को तैयार हैं। 2018 में देश में बहुत कुछ घटित हुआ, राजनीतिक दृष्टि से यह साल बहुत महत्वपूर्ण रहा तो सालभर में कई बड़े हादसे भी हुए, घाटी में आ...
प्रकृति के प्रकोप के आगे बेबस मानव
आज मानव भले ही कितनी भी वैज्ञानिक प्रगति कर चुका हो और सूचना-तकनीकी की दृष्टि से कितना भी सक्षम हो गया हो लेकिन फिर भी वह प्रकृति के प्रकोप के आगे बेबस और लाचार नजर आता है। अभी ऐसी ही बानगी इंडोनेशिया में देखने को मिली जहाँ पर सुनामी के प्रकोप से तकर...
राहत और आहत का मिश्रण है अंग्रेजी दवाइयां
दिल्ली हाईकोर्ट ने आॅनलाइन फामेर्सी द्वारा इंटरनेट पर दवाओं की बिक्री पर हालाँकि रोक लगा दी है मगर इससे आम आदमी की दिक्कतें कहीं कम नहीं हुई है। अंग्रेजी दवाइयों ने आम आदमी को राहत के साथ आहत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। यह ई-फार्मेसी और दवा दु...
पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा में अहम बोगीबील ब्रिज
भारत की सामरिक सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम बोगीबील सेतु को लंबी प्रतीक्षा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसम्बर यानी अटल जी के जन्म दिवस पर देश को सौंप दिया। इसके साथ ही देश के विकास में एक और नया इतिहास जुड़ गया है। आसाम के डिब्रूगढ़ जिले मे...
राष्ट्रवाद के अग्रदूत मालवीय जी
पंडित मदनमोहन मालवीय जी का संपूर्ण सामाजिक-राजनीतिक जीवन स्वदेश के खोए गौरव को स्थापित करने के लिए प्रयासरत रहा। जीवन-युद्ध में उतरने से पहले ही उन्होंने तय कर लिया था कि देश को आजाद कराना और सनातन संस्कृति की पुर्नस्थापना उनकी प्राथमिकता होगी। 1893 ...
जीएसटी के राह में रोड़े
जीएसटी काउंसिल की 31 वीं बैठक में शनिवार को दो दर्जन वस्तुओं व सेवाओं पर जीएसटी घटाया गया। 28 प्रतिशत के उच्चतर स्लैब से 6 चीजों को घटाकर 18 प्रतिशत के स्लैब में लाया गया है। वित्त मंत्री जेटली के अनुसार अब 28% के प्रतिशत के स्लैब में केवल 28 आइटम्स ...
अशफाक उल्ला खां: मां भारती का अमर पुत्र
स्वाधीनता संग्राम की कालावधि में भारत माता की पावन रज में लोट-लोट कर बड़े हुए युवकों ने मां की आराधना में निज जीवन के सुवासित पुष्प चढ़ाये हैं। हंसते हुए फांसी के फंदों को चूम कर स्वयं गले में धारण कंठहार बना लिया तो वहीें कालचक्र की छाती पर अपनी वीरता...
विशेष: अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा
विश्वभर में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने व उनके योगदान को राष्ट्र निर्माण में सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1992 में इस दिवस को मनाने की शुरूआत की...
…ताकि ठंड से कोई न मरे
देश में राजनीतिक समीकरणों के बदलते हुए मौसम भी बदल रहा है। देश की जनता हर बात के लिए हर वक्त तैयार रहती है लेकिन हमें इस बात के लिए भी तैयार रहना होगा कि इस बार सर्दी से कोई न मरे।इसके लिए हमें न किसी सरकार से उम्मीद करनी है और न ही किसी नेता की सहाय...
बनवास खत्म, अब ‘वचन’ पूरा करने की चुनौती
2018 ने जाते-जाते कांग्रेस को लाईफ लाईन दे गया है। तीनों राज्यों में कांग्रेस की जीत उसके लिए बहुत अहमियत वाली है इससे देश की राजनीति में लम्बे समय से अपना मुकाम तलाश रहे उसके नेता राहुल गांधी को आखिरकार एक राजनेता के रूप में अपना मुकाम मिल गया है। क...
महिला क्रिकेट का गहराता संकट
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की वरिष्ठ खिलाड़ी मिताली राज को पिछले दिनों टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल से बाहर रखे जाने के बाद मचे बवाल के उस वक्त शांत होने की उम्मीदें जगी थी, जब टीम के कोच रमेश पोवार का करार 30 नवम्बर को खत्म होते ही बीसीसीआई द्वारा उनकी ...
साकार करें कुपोषण मुक्त भारत का सपना
देश में आजादी के पूर्व से लेकर आजादी के बाद आज तक कुपोषण की गंभीर समस्या विद्यमान है। ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट 2018 के अनुसार विश्व भर में 15 करोड़ से अधिक बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। भारत में 4 करोड़ 66 लाख बच्चे बौने व कम लंबाई के रूप में कुपोषण से ग...