बेड़ियों के बीच
लुहार ने सोचा कि जब वह अपनी कुशलता और मेहनत से मजबूत बेड़ी बना सकता है तो वह उसी कुशलता और मेहनत का प्रयोग कर उस बेड़ी से अपने हाथों को मुक्त भी कर सकता है। उसने कुएं में अपना सारा अनुभव, शक्ति और बुद्धि उस बेड़ी को खोलने में लगा दी।
अध्यापक का आदर्श
प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सूर्यसेन की नियुक्ति बंगाल के एक विद्यालय में हुई थी। वह बेहद स्वाभिमानी और आदशर्वादी थे। शिक्षक के रूप में उन्होंने छात्रों के दिल में एक जगह बना ली थी।
जॉर्ज वाशिंगटन
अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन समय के बड़े पाबंद थे। उनका हर काम वक्त पर होता था। वह निर्धारित समय पर उठते थे। नियत समय पर नाश्ता करते और तय समय पर अपने काम में लग जाते थे।
झील का चांद
तुम्हारा मन इस झील की तरह है। तम्हारे पास ज्ञान तो है लेकिन तुम उसका प्रयोग करने के बजाय सिर्फ उसे अपने मन में लेकर बैठे हो, ठीक उसी तरह जैसे झील असली चांद का प्रतिबिंब लेकर बैठी है।
काम करने का तरीका
मजदूर यह सुनकर हैरानी से युवक को देखते हुए बोला,'तुम अगर ऐसा कर सकते हो तो बहुत अच्छी बात है। मैं उस तरकीब को अवश्य सीखना चाहूंगा।
भोजन बर्बाद न करें
'आप उतना ही खाना ऑर्डर करें, जितना खा सकें। माना कि पैसा आपका है परंतु देश के संसाधनों पर हक तो पूरे समाज का है! और कोई भी इन्हें बर्बाद नहीं कर सकता, क्योंकि देश में कितने ही लोग ऐसे हैं जो भूखे रह जाते हैं।'
जीवन की कीमत
यदि कोई व्यक्ति मौत को अपने करीब से देख ले तो वह हर हाल में खुश रह सकता है। जीवन के हर पल को नेकी, ईमानदारी और जिंदादिली से जीना शुरू करें । जीवन के महत्व को समझे ।
भविष्य की चिंता
ऐसा क्यों नहीं सोचते कि समयानुसार यदि समस्याएं आएंगी, तो उनका हल भी निकालते रहेंगे।' सेठ को अपनी भूल समझ में आ गई।
अच्छा और बुरा
आचार्य द्रोण बोले-'जो व्यक्ति जैसा होता है, उसे सारे लोग वैसे ही दिखाई पड़ते हैं। इसलिए दुर्योधन को कोई अच्छा व्यक्ति नहीं दिखा और युधिष्ठिर को कोई बुरा आदमी नहीं मिल सका।
भारत का स्वाभिमान
राजा राममोहन राय बोले- यह भारत के स्वाभिमान का मुद्दा है। अगर अभी इस भेदभाव का विरोध नहीं किया गया तो यह समस्या बढ़ती ही जाएगी। अंग्रेजों द्वारा किए जा रहे बुरे बर्ताव के खिलाफ कानून बनवाने की ठान ली और बाद में अपने अथक प्रयासों से ऐसा कानून बनवाने में सफल भी हुए।
राष्ट्रगान का सम्मान
सेठ के दिमाग ने तेजी से काम किया और उसने ग्रामोफोन पर जापान के राष्ट्र गान का रिकॉर्ड लगा दिया। चोर ने जब अपने देश के राष्ट्र गान की धुन सुनी तो वह फौरन सावधान की मुद्रा में खड़ा हो गया।चोर को उस मुद्रा में देख कर सेठ ने चोर के हाथ-पांव बांध दिए और पुलिस को फोन कर दिया।
जीवन में खुशी
मनुष्य का जीवन भी एक प्रतिध्वनि की तरह है। आप चाहते हैं कि लोग आपसे प्रेम करें तो आप भी दूसरों से प्रेम करें। जिससे भी मिलें, मुस्कुराकर प्रेम से मिलें।
उपदेश का समय
स्वामी विवेकानंद जी क्षण-भर तो चुप रहे, फिर बड़े गंभीर स्वर में बोले-'देखो भाई, जब तक मेरे देश में एक भी छोटा बच्चा कहीं भूखा है, तब तक उसे खिलाना ही हमारा सच्चा धर्म है। इसके अलावा जो कुछ भी है, वह झूठा धर्म और ज्ञान है।
प्रेरणास्त्रोत: गुस्से का वक्त
गुस्से की हालत में अगर फौरन जवाब दिया जाए तो आदमी बेकाबू हो जाता है। वह दोस्ती, रिश्ते-नाते भी भुला देता है।
सत्संग से लाभ
एक दिन संत ने कहा- राजन्, अब आप स्वर्ण रसायन का तरीका जान लीजिए। इस पर राजा बोले, गुरुवर, अब मुझे स्वर्ण रसायन की जरूरत नहीं है। आपने मेरे ह्रदय को ही अमृत रसायन बना डाला है।