आखिर मजदूर को मजबूर समझने की गलती क्यों!
एक-एक मजदूर की समस्या देश की समस्या है। सरकार को इस पर अपनी आंखें पूरी तरह खोलनी चाहिए। हो सकता है कि इस कठिन दौर में सरकार के सारे इंतजाम कम पड़ रहे हों बावजूद इसके जिम्मेदारी तो उन्हीं की है।
अमेरिका के बाद ब्राजील में हैं सबसे ज्यादा हवाई अड्डे
ब्राजील दक्षिण अमेरिका का सबसे बड़ा देश है। पुर्तगाली ब्राजील की आधिकारिक भाषा है और ब्राजील के अधिकांश लोग केवल पुर्तगाली बोलते हैं। पुर्तगाल ने वर्ष 1500 में ब्राजील की भूमि का दावा किया था। 1822 में स्वतंत्रता की घोषणा की गई थी।
भारत-नेपाल तनाव में किसका है फायदा
वर्तमान विवाद भी भारत विरोधी किसी संगठन का काम है जो नहीं चाहता है कि नेपाल व भारत में आपसी निकटता बनी रहे। लेकिन भारत विरोधी गठजोड़ नेपाल गठजोड़ भारत-नेपाल संबंधों में आए दिन कोई न कोई नया विवाद जोड़ता आ रहा है। देर सवेर उन ताकतों के चेहरे पर से पर्दा जरूर हटेगा जो भारत-नेपाल रिश्तों को सामान्य व मित्रवत नहीं रहने देना चाहते।
अंग्रेजों द्वारा स्थापित भारत में पहला विश्वविद्यालय
मुंबई विश्वविद्यालय, भारत का पहला आधुनिक विश्वविद्यालय, 1857 में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किया गया। मूल रूप से मान्यता और डिग्री प्रदान करने वाली संस्था, मुंबई विश्वविद्यालय ने बाद में अपने कार्यों में शिक्षण को जोड़ा।
देर-सवेर जाकिर नाईक को भारतीय कानून का सामना करना ही होगा
वास्तविक्ता यह है कि इस्लाम अमन व शांति की शिक्षा देता है। नफरत के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं, सफलता की ओर अग्रसर मुस्लिम देशों में गैर-मुस्लिमों की मौजदूगी अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि विश्वास की भिन्नता मानवीय समाज की मजबूती बन रही है।मुस्लिम देशों के संगठनों के दर्जनों सदस्य हैं जो आतंकवाद को खारिज कर चुके हैं।
कोरोना की आड़ में राजनीति
किंतु आज लगता है कि हम ऐसे भारत में रह रहे हैं जहां पर केवल वीवीआईपी को महत्व दिया जाता है जो आधिकारिक नामक एक संकरी पट्टी पर रहते हैं और विशेषाधिकारों की ओर भागते हैं। इसके चलते आज आम आदमी और खास आदमी के बीच खाई और चौड़ी हो गयी है और परिणामस्वरूप शासकों के प्रति लोगों में हताशा और आक्रोश बढ रहा है और जनता अवज्ञा पर उतर आयी है।
50% से अधिक अफ्रीकी 25 वर्ष से कम आयु के हैं
अफ्रीका दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है जिसमें लगभग 1.1 बिलियन लोग या दुनिया की 16% आबादी रहती है। 50% से अधिक अफ्रीकी 25 वर्ष से कम आयु के हैं।
प्रवासी मजदूरों की दास्तां
मई महीने में मौसम में बढ़ रही तपिश, रात को ठहरने का कोई प्रबंध न होना, भूखे पेट रहना मजबूत अर्थव्यवस्था जैसे आदर्शों की सफलता में बड़ी रुकावट है। केन्द्र व राज्य दोनों ही सरकारों को प्रवास से घर लौट रहे मजदूरों की पीड़ाजनक दास्तां देखनी व समझनी चाहिए, इनकी घर वापिसी को तेज, सुखद व सफल बनाना चाहिए।
दोहरी आपदा लेकर आ रहा है श्रमिक संकट
श्रमिक संकट दोहरी आपदा लेकर आ रहा है एक तो आने वाले समय में उद्योग-धंधे श्रमिकों की किल्लत से जूझेंगे, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण प्रसार का खतरा लगातार गहरा होता जा रहा है। वास्तव में मजदूरों का भारी पलायन जो दो आपदाएं अपने साथ ला रहा है, वो आने वाले समय में केन्द्र व राज्य सरकारों के लिए बड़ी चुनौती होगी।
गधा 96 किलोमीटर की दूरी से दूसरे गधे को सुनने में सक्षम है
एक गधा रेगिस्तान में 96 किलोमीटर की दूरी से एक और गधे को सुनने में सक्षम है। यह उनके बड़े कानों के कारण संभव है। इनके बड़े कान उनके शरीर को गर्म और शुष्क रेगिस्तानी परिस्थितियों में ठंडा रखने में मदद करते हैं।
अर्थव्यवस्था व स्वदेशी को प्रोत्साहन सराहनीय
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का नारा देकर स्वदेशी को प्रोत्साहन देने की कोशिश की है, वह सराहनीय है। अब आर्मी कैन्टीन्स पर स्वदेशी सामान ही बेचा जाएगा। आमजन को भी चाहिए कि वह खुलकर स्वदेश निर्मित वस्तुएं खरीदें एवं विदेशी को तब खरीदें जब स्वदेशी न मिले।
लॉकडाउन के बंधन ढीले करने की मजबूरी
लॉकडाउन में दी गई छूट का गलत इस्तेमाल न करें क्योंकि आपकी एक गलती कई लोगों पर भारी पड़ सकती है। यह भी जान लेना चाहिए कि इस बीमारी की अभी कोई दवा नहीं है, ऐसे में केवल परहेज के जरिए ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। थोड़ी सी लापरवाही भी कई जिंदगियों पर भारी पड़ सकती है।
ऐसा देश जहां प्रदूषण व भ्रष्टाचार मुक्त जीवन
डेनमार्क का शासन विश्व में सबसे पारदर्शी और स्थायी शासनों में माना जाता है। यहां के नागरिक विश्व में सबसे अधिक टैक्स देने वालो में से है। इसलिए यहां की सरकार ने डेनमार्क वासियों को बहुत सी सुविधाएं फ्री उपलब्ध करवाई हैं।
भारत को सतर्क रहना होगा
एक ही सप्ताह में भारत-चीन की सीमा पर तनावपूर्ण हलचल न होती। अभी कोरोना की महामारी ने भारत सहित चीन एवं सभी बड़े राष्ट्रो की अर्थव्यवस्थाओं को भारी नुक्सान पहुंचाया है। लेकिन भारत को बेहद सतर्क होने की आवश्यकता है चूंकि भारत की उत्तरी सीमा पर बैठा देश ज्यादा भरोसे लायक नहीं है।
संस्कार और प्रकृति ही बचाएगी मानव जीवन को
कोरोना महामारी और उससे बचने के लिए किया गया लॉकडाउन मानव जाति को कई संदेश दे रहा। जिससे सीख लेने की जरूरत सभी विकसित और विकासशील देशों को है। खासकर भारत को, क्योंकि हम तो पुरातन समय से प्रकृति के उपासक रहें हैं फिर क्यों आधुनिक दौर में विकास की सुनहरी अवधारणा में प्रकृति को भूल गए।