वैश्विक मोर्चों पर बरकरार रहेंगी चुनौतियां
26 जनवरी 2021 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारत आ रहे हैं। जॉनसन के सत्ता में आने के बाद भारत-ब्रिटेन संबंधों लगातार मजबुत हुए है। ब्रिटेन यूएन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है। मार्च 20...
सेंट्रल विस्टा पर हल्ला, भला ये भी कोई बात हुई
देश में जनप्रतिनिधियों के भारी भरकम वेतन उन्हें दिए जा रहे भत्ते, एक बाद एक पेंशन दिया जाना, फिजूल खर्च है। सरकार द्वारा उद्योगपतियों को पहले केन्द्रीय बैंकों से आसान शर्तों पर हजारों करोड़ के ऋण देना फिर उन्हें माफ कर देना ये धन की घनघोर बर्बादी है।
...
कब तक पाक में अल्पसंख्यक उत्पीड़ित होते रहेंगे
पाकिस्तान से लगातार अल्पसंख्यक वर्ग के उत्पीड़न की खबरें आती रहती हैं। हिंदू मंदिरों को क्षति पहुंचाना पाकिस्तान में आम बात हो चुकी है। हाल के दिनों में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हिंदू मंदिर को आग लगाने और उसे तोड़ने के मामले को विश्व स्त...
घरेलू हिंसा की गहरी होती जड़ें
181 - महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर
केंद्र सरकार ने महिलाओं को संकट में मदद करने के लिए यह संख्या आवंटित की है। प्रत्येक राज्य ने इस नंबर के साथ अपना कॉल सेंटर स्थापित किया है। महिला काउंसलर हेल्पलाइन की संचालक हैं। कॉल करने के बाद महिलाओं को ...
किसान का दर्द राष्ट्र का दर्द है, अनदेखी क्यों
अभी क्या हो जाएगा अगर सरकार कृषि बिलों को वापिस ले लेती है? किसान संगठनों से भविष्य की कृषि पर चर्चा कर सरकार नए बिल ले जाए जिनसे देश की अर्थव्यवस्था भी बढ़े, गांव व खेतों का भी नुक्सान न हो।
कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, दिल्ली में पिछले 40 दिनों से किस...
समान नागरिक की अनदेखी
आखिरकार एक राष्ट्र, एक विधि और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का स्वाभाविक सिद्धान्त लागू क्यों नहीं हो सकता है।? यह राष्ट्रीय एकता का मूलाधार है। मजहबी लोग समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को अपने अपने निजी मजहबी कानूनों में हस्तक्षेप मानते हैं जबकि संविधान...
दवा को राजनीतिक रंग न दिया जाए
कोरोना में सरकार के प्रबंध इतने नाकारा साबित हुए कि करोड़ों मजदूरों को सड़कों पर भटकना पड़ा। अस्पतालों में कोरोना परीक्षण, पीपीई किट देने में सरकार से गलतियां हुई होंगी उन्हें भाजपा की कमियां कहा जाना चाहिए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन को...
जगी शिक्षा के सुचारू होने की उम्मीद
संपादकीय : प्रकाश सिंह
पूरा वर्ष 2020, कोरोना से लड़ते गुजर गया, बिजनेस व्यापार के बाद कोरोना का सबसे बुरा असर शिक्षा पर पड़ा। स्कूल-कॉलेज बंद होने की वजह से 2020 में वार्षिक परिक्षाएं (Annual examinations) नहीं हो सकी। शिक्षा बोर्डों (Boards) व विश...
पारिस्थितिकी तंत्र और जीवन श्रृंखला की कहानी
नरपत दान चरण, पर्यावरण विशेषज्ञ
पर्यावरण (Environment) में हर जीव-जंतु, पेड़-पौधे का जीवन एक दूसरे पर आश्रित (Dependent) है। सभी से जुड़ी हुई एक जीवन श्रंखला है। लेकिन जब यह श्रंखला टूट जाती है, तो किस कदर जीवन संकट में पड़ जाता है। इसे एक कहानी से स...
आशा और उम्मीदों से भरा हो नया साल
आर्थिक मोर्चे के बाद राजनीतिक फ्रंट पर भी नये साल में बहुत कुछ होगा। देश के पांच राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव होंगे। तमिलनाड, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी वो पांच राज्य हैं जहां विधानसभा चुनावों के लिए छह महीने का समय बमुश्किल बाकी है। अप...
क्यों नहीं पुलिस सुधारों की फिक्र
प्रकाश सिंह
देश भर में पुलिस द्वारा आम नागरिक से ज्यादती (Misbehavior) की खबरें आए दिन चर्चा का विषय बनती है, लेकिन पुलिस की कार्यशैली व प्रशासनिक सुधारों की किसी को फिक्र नहीं है। ताजा मामला केरल में एक दलित किशोर को उसके माता-पिता (Pa...
जनता अपनी सोच सदैव जागरूक एवं सक्रिय रखे
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों विदेश गए हुए हैं। इस वक्त देश में यहां किसान आंदोलन चल रहा है वहीं कांग्रेस पार्टी में नए अध्यक्ष व पुराने नेताओं को लेकर चर्चाएं हैं। भाजपा इसे भुनाने की पूरी कोशिश में और अपने नेताओं को छुट्टी नहीं लेन...
बंगाल में ‘चाणक्य बनाम चाणक्य’
पश्चिम बंगाल में निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राज्य में 'राजनैतिक तापमान ' बढ़ता ही जा रहा है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिन्हें 'बंगाल की शेरनी' भी कहा जाता है, अपने अकेले दम पर न केवल बंगाल की सत्ता पर दशकों तक काबिज रही...
2020: संपूर्ण दुनिया लॉकडाउन में, आगे कठिन राह
वर्ष 2020 का विदाई गीत किस प्रकार लिखें। ढोल नगाडे बजाएं? नई आशाओं, सपनों और वायदों के पंखों पर सवार होकर वर्ष 2021 का स्वागत करें? या पिछले 12 महीने से चले आ रहे निराशा के वातावरण में ही जीएं जिसके थमने के कोई आसार नहीं हैं? नि:संदेह वर्ष 20...
निजी अहंकार से ऊपर हों देश के मुद्दे
कल 29 दिसंबर को किसान-सरकार वार्ता के लिए किसानों ने अपना चार सूत्रीय एजेंडा तैयार कर लिया है। किसान चाहते हैं कि सरकार तीनों कृषि बिलों को खत्म करने वाली क्रियाविधि स्पष्ट करे, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनन गारंटी दे, धान की पराली जलाए जाने पर लगने...