कर्मजीत कौर इन्सां को नकदो-नकद मिला सेवा का फल

 घायल कुत्ते के उपचार के लिए चमत्कारिक ढंग से मिली फर्स्ट एड किट

ओढां, राजू। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचन है कि इंसानियत की सेवा सबसे उत्तम सेवा है और इसका फल नकदो-नकद मिलता है। ओढां निवासी एक डेरा अनुयायी महिला को एक बेजुबान जीव की मदद करने का फल ऐसा मिला कि जिसके लिए उसका पूरा परिवार पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि आभार व्यक्त कर रहा है।

दरअसल हुआ यूं कि कर्मजीत कौर इन्सां बीते दिन अपने बेटे अमरीक इन्सां के साथ बाइक पर सवार होकर पंजाब के गांव फुल्लोखारी जा रही थी। रास्ते में बाइक के आगे कुत्ता आने से उनकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में बाइक सवार दोनों मां-बेटे तो बाल-बाल बच गए, लेकिन कुत्ता घायल हो गया।

कुत्ते को घायल देखकर मां-बेटे दोनों का हृदय पसीज गया। तभी कर्मजीत कौर को पूज्य गुरु जी द्वारा चलाई गई फास्टर मुहिम के वचन याद आ गए। उसने अपने बेटे से कहा कि काश पूज्य गुरु जी के वचनानुसार वे बाइक में फर्स्ट एड किट रख लेते तो आज घायल जानवर को उपचार मिल जाता। कर्मजीत व उसका बेटा अभी ये सोच ही रहे थे कि अचानक एक बाइक उनके पास से गुजरी, जिससे एक लिफाफा सड़क पर गिर गया। कर्मजीत कौर व अमरीक ने जब लिफाफा उठाकर देखा तो उसमें फ र्स्ट एड किट निकली। उन्होंने इस किट से घायल कुत्ते का उपचार किया। उन्होंने पूज्य गुरु जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने फर्स्ट एड किट के बारे में सोचा ही था कि उन्होंने भेज भी दी। इस घटना के बाद अमरीक ने अपनी बाइक में फर्स्ट एड किट भी रख ली।

कुछ यूं मिला पुनित कार्य का फल :-

कर्मजीत कौर ने बताया कि उसकी पेंशन व राशन काफी समय से रुका हुआ था। इसके अलावा उनके पास कोई कार्य न होने के चलते वह काफी समय से परेशान भी थी। इस पुनित कार्य का फल सतगुरु ने कर्मजीत कौर को ऐसा दिया जिस पर उसने व पूरे परिवार ने पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि आभार जताया। कर्मजीत कौर को न केवल रुकी पेंशन व राशन दोनों मिल गए बल्कि उसे एक निजी अस्पताल में नौकरी भी मिल गई। कर्मजीत कौर ने पूज्य गुरु जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों की हर जगह फिक्र करते हैं। कर्मजीत कौर ने कहा कि उसने एक घायल जीव की मदद की जिसका फल पूज्य गुरु जी ने उसे नकदो-नकद दे दिया।