मॉनसून सत्र : लोकसभा में पेश हुआ ओबीसी संबंधी विधेयक

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ओबीसी सूची बनाने का राज्यों को अधिकार सम्बंधी संविधान संशोधन बिल लोकसभा में पेश हुआ। 127 सामाजिक अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने पेश किया बिल।

सरकार इस विधेयक को सोमवार को लोकसभा में पेश करेगी और अब विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी ऐलान किया है कि वह इस बिल के समर्थन में है। अगर बिल पास हो जाता है तो एक बार फिर से राज्यों को ओबीसी सूची में किसी जाति को अधिसूचित करने का अधिकार मिल जाएगा।

नई दिल्ली (एजेंसी)। लोकसभा में विपक्ष के कड़े विरोध एवं हंगामे के बीच संविधान (127वां संशोधन) विधेयक सहित तीन विधेयक पेश किये गये और सदन की कार्यवाही करीब 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी। दो बार के स्थगन के बाद मध्याह्न 12 बजे सदन के समवेत होने पर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये और इसके बाद आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने पहले राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 और फिर राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 पेश किये। विपक्ष की ओर से कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी, मनीष तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के प्रो. सौगत राय ने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे होम्योपैथी का व्यवसाय को नुकसान होगा। लेकिन सोनोवाल ने इसका खंडन करते हुए कहा कि यह होम्योपैथी एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति की बेहतरी के लिए लाया गया है। इसके बाद श्री अग्रवाल ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार का नाम पुकारा जिन्होंने संविधान का 127वां संशोधन विधेयक पेश किया।
कांग्रेस के नेता चौधरी ने कहा कि विपक्ष के नेताओं ने आज एक बैठक की है और माना है कि संविधान का 127वां संशोधन विधेयक का पुरजोर विरोध करने का फैसला लिया है क्योंकि इससे पिछड़े तबके को नुकसान होगा। डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि इसका विरोध राजनीतिक है और विपक्ष शासित राज्यों ने इस संशोधन की मांग की थी। शोरशराबे के बीच संविधान का 127वां संशोधन विधेयक पेश किया गया और  अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

राज्यसभा में अब तक 60 घंटे 28 मिनट का समय बर्बाद हुआ

राज्यसभा में तीसरे हफ्ते हंगामे की वजह से 21 घंटे 36 मिनट का समय बर्बाद हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक मानसून सत्र शुरू होने से अबतक कुल 78 घंटे 30 मिनट के समय में 60 घंटे 28 मिनट हंगामे की वजह से बर्बाद हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि गत तीन सप्ताह के दौरान सदन में कुल 17 घंटे 44 मिनट काम हुआ है जिनमें से चार घंटे 49 मिनट सरकारी विधेयकों पर व्यय हुआ, तीन घंटे 19 मिनट प्रश्नकाल में व्यय हुए और चार घंटे 37 मिनट में कोविड-19 संबंधी मुद्दों पर संक्षिप्त चर्चा हुई।

छह बिल पेश करेगी सरकार

लोकसभा में कुल 6 विधेयक पेश किए जाने हैं। इनमें ओबीसी आरक्षण विधेयक के अलावा लिमिटेड लाइबिलीटी पाटर्नरशिप बिल, डिपॉजिट एवं इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी बिल, नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी बिल, नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम आॅफ मेडिसिन बिल और द कॉन्स्टीट्यूशन एमेंडमेंट शिड्यूल ट्राइब्स आॅर्डर बिल शामिल हैं।

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